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छोटा शकील की ललकार के बाद क्यों चुप है ‘56 इंच’ वाली मोदी सरकार

छोटा शकील ने केन्द्र सरकार को चुनौती दी है कि डॉन दाऊद इब्राहिम को पकड़ना आसान नहीं, वह कोई हलवा है क्या? 
नई दिल्ली। यह पूरा देश जानता है कि लोकसभा चुनाव के दरम्यान प्रचार के क्रम में अपने लच्छेदार व नए-नए जुमलों के साथ गला फाड़-फाड़कर दाऊद इब्राहिम, पाकिस्तान व तत्कालीन यूपीए सरकार पर करारा प्रहार करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आश्चर्यजनक चुप्पी ने लोगों को सकते में डाल दिया है। यही वजह है कि अब हर तरफ लोग दबी जुबान से कहने लगे हैं कि मोदी अपने भाषणों में केवल चुनाव जीतने के लम्बे-चौड़े वादे कर व झूठी बातें बोलकर केवल वोट लेना चाहते थे। क्योंकि जबसे केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी है, तबसे चुनावों के दौरान किए गए मोदी के एक भी वादे पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। यदि ताजे प्रकरण की चर्चा करें तो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को पकड़ने के सवाल पर उसके शूटर छोटा शकील ने भारत सरकार ललकार दिया है। फिर भी ’56 इंच’ वाली इस मोदी सरकार की ओर कोई खास प्रतिक्रिया सामने नहीं आया है।
दाऊद को भारत सरकार के वापस लाने की कोशिशों से जुड़े बयानों का डॉन दाऊद के शूटर छोटा शकील ने मजाक उड़ाया है। शकील ने एक अंग्रेजी अखबार से फोन पर बातचीत में कहा, ''हर बार जब नई सरकार आती है, वह पहला बयान हमारे बारे में देती है। उसको (दाउद इब्राहिम) लेके आएंगे, घुसकर लेके आएंगे। दाउद क्या हलवा है? बकरी का बच्चा समझ कर रखा है क्या? लाना है तो उसको लाओ न।'' उसको शब्द का इस्तेमाल शकील ने दाउद के लिए किया है। शकील ने अपने दुश्मन छोटा राजन को ऑस्ट्रेलिया में ठिकाने लगाने की कोशिश की खबरों पर कहा, ''हम पहुंच ही गए थे, लेकिन उसे खबर लग गई और वह चूहे की तरह भाग निकला।''
आपको याद होगा कि लोकसभा चुनाव के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दाऊद को वापस लाने जैसे ऑपरेशन प्रेस रिलीज जारी करके नहीं किए जाते। अमेरिका ने पाकिस्तान में लादेन के खिलाफ कार्रवाई प्रेस रिलीज जारी करके नहीं की थी। अखबार को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट कहा गया है कि दाऊद और छोटा शकील अब भारत वापस नहीं लौटना चाहते।
शकील के मुताबिक, 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के बाद दोनों वापस लौटना चाहते थे, लेकिन भारत सरकार ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया। शकील ने कहा, ''जब हम 1993 में वापस लौटना चाहते थे, तो तुम लोगों और तुम्हारी सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी। भाई ने भी उस वक्त राम जेठमलानी से लंदन में बात की थी। बात हो गई थी, लेकिन मंत्रालय व आडवाणी ने गेम खेला।'' हालांकि, आडवाणी ने क्या किया, इस बारे में शकील ने कुछ नहीं कहा। एक अन्य खबर के मुताबिक छोटा शकील ने कहा है कि छोटा राजन जहां मिलेगा, उसे मार डालूंगा। अब सवाल यह उठता है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व जोर-जोर से चीखकर लोगों को कथित रूप से फर्जी दिलासा दिलाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी क्या कर रहे हैं। अब उनकी बोलती बंद क्यों है?                                                  –राजीव रंजन तिवारी
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