ताज़ा ख़बर

मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार, पीएम ने पहली बार की एनडीए घटकों की बैठक

नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिसमें काफी हंगामा होने के आसार हैं। इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा पिछले दिनों आयोजित की गई इफ्तार पार्टी में रणनीति बनाई गई। इफ्तार पार्टी में विपक्ष के कई नेता मिले, जहां उन लोगों ने संसद में ललित मोदी विवाद और व्यापम घोटाले से जूझ रही मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई। इतना ही नहीं विपक्ष वसुंधरा, सुषमा और व्यायम समेत कई मुद्दों पर फंसी मोदी सरकार को घेरने में कोई कोर-कसर छोड़ने के मूड में नहीं है। उधर, ललित मोदी विवाद, व्यापम घोटाले और अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हमलों को नाकाम करने की कवायद के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत की पूर्व संध्या पर एनडीए के सभी घटक दलों की पहली बैठक बुलाई, ताकि विपक्ष का सामना करने की रणनीति बन सके। यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस और वाम दलों ने व्यापम घोटाले और ललित मोदी विवाद सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का मन बना लिया है, क्योंकि इन मामलों में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के नाम सामने आए हैं। सोनिया गांधी ने इफ्तार पार्टी के बहाने विपक्ष को एकजुट करने में जुटी रहीं। समझा जा रहा है कि इस रणनीति में उन्हें कामयाबी भी मिली है। कांग्रेस ऐसे समय में मिले इस मौके का इस्तेमाल तमाम सियासी दलों को मजबूत विपक्षी एकता का संदेश भेजने में कर रही है, जब मोदी सरकार कई विवादों में फंसे होने के चलते बैकफुट पर है। कांग्रेस डिग्री संबंधी विवाद में मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी और महाराष्ट्र में नियमों का उल्लंघन करते हुए टेंडर के बिना 206 करोड़ की खरीद संबंधी घोटाले में पंकजा मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रही है। कांग्रेस के निशाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी हैं, जो 'धान घोटाले' में फंसे हैं। उल्लेखनीय है कि मई 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने पहली बार अपने गठबंधन सहयोगियों की बैठक बुलाई है। संसद में अपनी सरकार के लिए विपक्ष की ओर से खड़ी की जाने वाली मुश्किल को भांपते हुए मोदी ने स्वीकार किया कि अब 'मुकाबला' होगा। जम्मू में एक कार्यक्रम में मोदी ने कल कहा था, 'हम सब (गुलाम नबी आजाद सहित) यहां बैठे हुए हैं, लेकिन कुछ दिनों में होने वाले हमारे मुकाबले को देखने के लिए इंतजार करें।' आजाद अभी राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। बीजेपी की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी शिवसेना एनडीए के घटक दलों की बैठक बुलाने की मांग करती रही है। राज्यसभा में पार्टी के नेता संजय राउत ने यह कहते हुए मोदी के इस फैसले पर खुशी जाहिर की कि इससे गठबंधन को विपक्ष की चुनौती का सामना करने की रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी। लोकसभा में जहां बीजेपी की अगुवाई वाले घटक दलों का बहुमत है, वहीं राज्यसभा में इसके पास बहुमत के लिए जरुरी संख्या बल नहीं है। राज्यसभा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और जीएसटी तथा भूमि विधेयक जैसे अहम विधेयकों को पारित कराने में उसकी भूमिका अहम है। इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की ओर से सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है ताकि संसद के सुचारू संचालन में मदद मिल सके। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस ने इस बात पर जोर देकर अपनी मंशा साफ कर दी है कि वह ललित मोदी विवाद और व्यापम घोटाले के साथ-साथ कई अन्य विवादित मुद्दे संसद के आगामी सत्र में उठाएगी। कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त न करने के मोदी के दावों के बावजूद उन पर इन ज्वलंत मुद्दों पर मौन साधे रहने का आरोप लगाया है। पार्टी ने मोदी पर हाल में आरोप लगाया कि आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के साथ उनके 'गहरे रिश्ते'हैं। पार्टी ने सरकार से साफ कहा कि मॉनसून सत्र को 'बचाने'के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। व्यापम घोटाले के एक आरोपी से 'फायदा लेने'के आरोप में कांग्रेस केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी इस्तीफा मांग रही है। अलग-अलग मुद्दों पर कांग्रेस ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे पर भी निशाना साधा और इनसे जुड़े मुद्दों को संसद में उठाने की बात कही है।
  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।

Item Reviewed: मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार, पीएम ने पहली बार की एनडीए घटकों की बैठक Rating: 5 Reviewed By: newsforall.in