नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे आईपीएल पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की कंपनी को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस भेज कई करोड़ रूपए का हिसाब मांगा है। विदेश मंत्री के बाद राजस्थान की मुख्यमंत्री भी विवाद में गहरी फंसती नजर आ रही हैं। केंद्र में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेता यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर मोदी सरकार विवादों में घिरे पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी को वापस भारत लाने की कोशिश क्यों नहीं कर रही। कांग्रेस ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का नाम इस पूरे विवाद में खींचे जाने को "निंदनीय" बताया। ललित मोदी ने मुखर्जी पर आरोप जड़ा है कि 2010 में यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने आईपीएल के व्यापारिक मामलों और निजी वित्तीय लेनदेन की जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराने का आदेश दिया था। ललित मोदी का आरोप है कि मुखर्जी ने यह कदम केंद्रीय राज्य मंत्री शशि थरूर की बर्खास्तगी में उनकी भूमिका का बदला लेने के लिए किया था। ललित मोदी के इस आरोप से संबंधित दस्तावेज भारतीय अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने पास होने का दावा किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने केंद्र सरकार से पूछा है, "सरकार उन्हें वापस लाने के लिए क्या कर रही है? उनके खिलाफ अब तक रेड कॉर्नर नोटिस क्यों नहीं जारी हुआ है? विपक्षी कांग्रेस मोदी सरकार पर ललित मोदी के पासपोर्ट को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का दबाव बनाने के प्रयास में है। प्रवक्ता मीम अफजल ने यह भी कहा कि कल तक मोदी पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप लगा रहे थे और अब राष्ट्रपति पर निशाना साधने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस पूरे मामले पर विदेश मंत्री स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री राजे को बचा रही है। विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी से इस पूरे प्रकरण पर अपनी बात रखने की भी मांग कर रहा है। ललित मोदी का कहना है कि साल 2011 में जब वह ब्रिटेन में प्रवास बढ़ाना चाहते थे, तब राजे ने मामले को गोपनीय बनाए रखने की शर्त पर उनकी इमीग्रेशन अर्जी का समर्थन किया था। इससे राजे ने इंकार किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्रोतों के हवाले से बताया है कि बीजेपी प्रमुख अमित शाह ने बीती रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निवास पर उनसे मिलकर इस मामले पर चर्चा की है। स्वराज के समर्थन में बोलने वाले बीजेपी नेताओं ने राजे के पक्ष में खुलकर बयान नहीं दिए हैं। राजे ने 19 जून के लिए प्रस्तावित पंजाब में आनंदपुर साहब की अपनी यात्रा को रद्द कर दिया, जहां उनकी पार्टी प्रमुख शाह से मुलाकात होती। कार्यक्रम रद्द करने की वजह पीठ का दर्द बतायी गयी है, लेकिन स्वराज और राजे के इस्तीफे की लगातार मांग को लेकर विपक्ष पूरे बीजेपी के लिए सिरदर्द बना हुआ है।(साभार)
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