नई दिल्ली। सोनिया गांधी पर नस्लभेदी टिप्पणी करके विवाद पैदा करने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को आज उस वक्त अपने बयान पर खेद जताना पड़ा जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें फोन कर साफ कहा कि ‘‘ऐसी भाषा’’ स्वीकार्य नहीं है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि शाह ने फोन पर सिंह से बात की और साफ कहा कि किसी मंत्री को ऐसी भाषा का इस्तेमाल शोभा नहीं देता। बहरहाल, पार्टी के एक नेता ने कहा कि कांग्रेस के कई नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित किसी ने भी कभी माफी नहीं मांगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी हर किसी का सम्मान करती है और किसी के खिलाफ अभद्र भाषा को स्वीकार नहीं करती।
उधर, गिरिराज सिंह द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने बीजेपी नेता को आड़े हाथ लिया। वाड्रा ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘एक केंद्रीय मंत्री द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष और मेरी सास पर की गई टिप्पणी पढ़कर हैरान हूं। वह एक गरिमापूर्ण महिला हैं।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘क्या हम इसी तरह एक ऐसी महिला के बारे में बातें करते हैं जिसने अपने पूरे जीवन में दिक्कतों का सामना किया हो और देश के लिए अपने प्रिय लोगों को खोया हो।’’ इस मुद्दे को देश में महिलाओं के सम्मान से जोड़ते हुए वाड्रा ने लिखा, ‘‘यदि सरकार और उनके मंत्री उनका सम्मान नहीं कर सकते, यदि वे उनके बारे में नस्लभेदी टिप्पणी करते हैं...तो हमारे देश की अन्य महिलाओं के बारे में वह क्या सोचते होंगे?’’ गिरिराज ने कल यह पूछकर विवाद खड़ा कर दिया था कि यदि सोनिया गांधी ‘‘गोरी चमड़ी’’ वाली नहीं होतीं तो क्या कांग्रेस उनके नेतृत्व को स्वीकार करती। उन्होंने कल पत्रकारों से बातचीत में कहा था, ‘‘यदि राजीव गांधी ने किसी नाइजीरियाई महिला से शादी की होती और यदि वह गोरी नहीं होतीं, तो क्या कांग्रेस ने सोनिया के नेतृत्व को स्वीकार किया होता?’
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