न्यूयार्क। अमेरिका, भारत के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को विदेशी आतंकवादी घोषित करने का विरोध करेगा। अमेरिका की सरकार ने इस संबंध में देश की एक अदालत में कहा कि वह आरएसएस को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए दायर मुकदमे को खारिज करने को याचिका दायर करना चाहता है और इसके लिए उसे 14 अप्रैल तक का समय चाहिए। आरएसएस को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए अदालत में यह मुकदमा अमेरिका में अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) की ओर से दायर किया गया है। एसएफजे के वकील गुरपतवंत एस पन्नुन का आरोप है कि आरएसएस फासीवादी विचारधारा में यकीन रखता है, उसी का अनुसरण करता है और भारत को समान धर्म तथा सांस्कृतिक पहचान वाले हिन्दू राष्ट्र के रूप में तब्दील करने के लिए हिंसक व अनैतिक अभियान चला रहा है। इसके जवाब में अमेरिकी सरकार की ओर से अटॉर्नी प्रीत भरारा ने न्यूयार्क की साउदर्न डिस्ट्रिक्ट कोट की न्यायाधीश लॉरा टेलर स्वान के समक्ष मंगलवार को दाखिल आवेदन में कहा कि सरकार को अपनी याचिका को अंतिम रूप देने और इसके समर्थन में दस्तावेज उपलब्ध के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।
भरारा के कार्यालय ने हालांकि यह स्वीकार किया कि इस मामले में सरकार की ओर से जवाब देने की अंतिम अवधि मंगलवार थी, जिससे सरकार चूक गई और इसलिए सरकार को अतिरिक्त समय की जरूरत है। भरारा के मुताबिक, ''सरकार हालांकि इस मामले में जवाब देने के बजाय शिकायत को रद्द करने को लेकर हलफनामा दायर करना चाहती है और इसके लिए इसे अतिरिक्त समय की जरूरत है। अगर यह निवेदन मान लिया जाता है तो सरकार हलफनामे के लिए किसी भी यथोचित अवधि को स्वीकार करेगी।''
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