मुंबई। 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मजदूरों के असली दुश्मन हैं!' यह बात अगर कोई विपक्षी दल कहे तो आश्चर्य नहीं होगा, लेकिन इस बार मोदी पर यह आरोप लगाया है उनकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने। शिवसेना की मजदूर यूनियन भारतीय कामगार सेना ने रविवार को पुणे में कॉन्ट्रैक्ट वर्कर परिषद का आयोजन किया था। इसे संबंधित करते हुए कामगार सेना के अध्यक्ष और शिवसेना के उप नेता सूर्यकांत महाडिक ने कहा कि मोदी मजदूरों के असली दुश्मन हैं, क्योंकि मोदी सरकार सामान्य मजदूरों के हितों के खिलाफ फैसले ले रही है और रिफॉर्म के नाम पर लेबर लॉ को कमजोर करने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि इन फैसलों की वजह से कॉन्ट्रैक्ट वर्कर की स्थिति गुलामों जैसी हो गई है। उन्होंने सभी क्षेत्र के मजदूरों को संगठित होकर इसका मुकाबला करने के अलावा कॉन्ट्रैक्ट वर्कर को न्यूनतम 20 हजार रुपये मासिक वेतन देने और एक ही संस्था में कई साल काम करने वालों को पर्मानेंट करने की मांग भी की। परिषद में उपस्थित शिवसेना नेता निलम गोर्हे ने भी मोदी सरकार की लेबर पॉलिसी पर नाखुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नए लेबर लॉ बनाते वक्त लेबर यूनियन प्रतिनिधियों के विचार भी सुने जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मजदूरों के हित के लिए उनकी पार्टी जल्दी ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगी।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने उद्योगों को प्रोत्साहन देने और इंस्पेक्टर राज खत्म करने का वादा करते हुए लेबर लॉ में जिन बदलावों को मंजूरी दी हैं, लेबर यूनियन उसका विरोध कर रही हैं। खास बात यह है कि विरोध करने वालों में बीजेपी और आरएसएस से संलग्न मजदूर यूनियन 'भारतीय मजदूर संघ' भी शामिल है।
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