नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पहला बड़ा फैसला लेते हुए सभी श्रेणियों के यात्री किराये में 14.2 प्रतिशत और मालभाड़े में 6.5 फीसदी की भारी बढ़ोत्तरी कर दी है। सरकार के इस निर्णय से ट्रेन का सफर महंगा होने के साथ बेकाबू होती महंगाई और भड़केगी। रेल मंत्री सदानंद गौड़ा का कहना है कि यात्री किराये व मालभाड़े में बढ़ोत्तरी यूपीए सरकार के समय से प्रस्तावित है। 16 मई को पूर्व रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन देर शाम को बढ़े हुए यात्री किराये व मालभाड़े को वापस ले लिया गया। यूपीए सरकार के इस आदेश को अब नई सरकार ने लागू किया गया है।
विदित हो कि यूपीए सरकार ने फ्यूल एडजेस्टमेंट कंपोनेंट (एफएसी) के तहत दो साल पहले वर्ष में दो बार बाजार में तेल की दरों के अनुसार यात्री किराये-मालभाड़े की समीक्षा करने का प्रावधान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीजल की कीमतें कम होने पर किराया-मालभाड़ा कम होगा और बढ़ाने पर इसमें बढ़ोत्तरी की जाएगी। इसके पहले पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने यात्री किराये में 12-18 फीसदी की यात्री किराये बढ़ाए थे जबकि मालभाड़े में 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। यूपीए सरकार ने यात्री किराये मद में साल दर साल बढ़ते घाटे (2013 में 24000 करोड़ रुपये घाटा) को देखते हुए एफएसी लागू करने का फैसला किया था। 25 जून से लागू होने जा रहे नए किराये व मालभाड़ की दरों से रेलवे को 2014-15 में 8000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। हालांकि यात्री मद में अभी भी रेलवे को 16000 करोड़ का नुकसान हो रहा है। रेलवे पिछले तीन साल से कम समय में मालभाड़े में 30 फीसदी से अधिक इजाफा कर चुकी है। महंगाई बढ़ने में यह एक प्रमुख कारण रहा है। महंगी माल ढुलाई का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा। प्राइवेट ट्रेन कंटेनर एसोसिएशन ने 6.5 फीसदी भाड़ा बढ़ाने जाने पर नाखुशी जताई है। आर.सी. दुबे का कहना है कि इससे प्रति कंटेनर ढुलाई एक हजार रुपये से अधिक हो जाएगी। हरी सब्जियां, फल, मीट, मछली, दूध आदि के दाम ऊंचे हो जाएंगे। रेल मालभाड़े में बढ़ोत्तरी से गेहूं, चावल, दालें, खाद, पेट्रोल-डीजल, रसोईगैस, सीमेंट, स्टील, कोयला आदि की ढुलाई महंगी हो जाएगी। खाने पीने की चीजें के दाम बढ़ाने के साथ बारिश कम होने से खाद्यान्न की दरें 15 फीसदी तक बढ़ाने की संभावना है।
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