लखनऊ। सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी और उनके संगीसाथी अमित शाह दोनों उप्र को गुजरात बना देने की धमकी को अमली जामा पहनाने में लग गये हैं। चार चरणों में चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गए हैं। इनमें मोदी लहर जैसी कोई चीज नहीं दिखाई दी। मतदाताओं का बड़ा वर्ग सांप्रदायिकता के उन्माद में बहने के बजाय सेक्यूलर ताकतों के पीछे खड़ा हुआ है। आरएसएस, बजरंगदल और विश्वहिन्दू परिषद जैसे संगठनों के प्रायोजित भाजपाई उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को अब लग गया है कि बैलट से वे जीत नहीं पाएगं तो इस हताशा और कुंठा से ग्रस्त होकर वे अब प्रदेश केा अशांति और हिंसा के हवाले करने की साजिशें करने लगे हैं। उप्र में गुजरात की तरह मुसलमानों को आतंकित करने में लगे हैं। आजमगढ़ की धरती पर जहॉ, कैफी आजमी जैसे सेक्यूलर सोच वाले बड़े शायर हुए है, उस जनपद को आतंकवाद का गढ़ बताकर अमित शाह ने पूरे उप्र की गंगा-जमुनी संस्कृति को लांछित और अपमानित किया है। आजमगढ़ के लोगों और वहॉ के नौजवानों को बदनाम किया है। इसके लिए अमित शाह पर निर्वाचन आयोग को कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए और उन पर तत्काल आगे प्रचार करने पर रोक लगा देनी चाहिए। आयोग ने मो. आजम खां पर कार्यवाही की जो धर्मनिरपेक्ष चरित्र के है जबकि अमित शाह जैसे दागी नेता को खुली छूट दी जा रही है।
06 करोड़ की आबादी वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 करोड़ से अधिक आबादी वाले उ0प्र0 में आकर सांप्रदायिकता का जहर फैलाने की कोशिश में लगे हैं। समाजवादी पार्टी ने चट्टान बनकर इस जहरीली हवा को रोका तो अब मोदी मतदान के दौरान धांधली की शिकायतों के साथ निर्वाचन आयेाग की निष्पक्षता पर भी शंका जताने लगे हैं। यही नहीं वे बारंबार ‘गंभीर आरोप’ लगाते हुये खुद पर कार्यवाही भी आमंत्रित करने से नहीं चूक रहे हैं। दुस्साहसिक तरीके से वे निर्वाचन आयोग पर हमला बोल रहे हैं। आरएसएस और भाजपा जैसे दल आतंक और भयादोहन की राजनीति करने वाले दल हैं। गुजरात में मुसलमानों का निर्दयता के साथ कत्लेआम हुआ और आज भी वह दहशत की जिंदगी जी रहे हैं। वाराणसी में जहॉ मोदी लोकसभा के लिए उम्मीदवार बने हैं, नामांकन के समय आतंक फैलाने की सुनियोजित कोशिश हुई थी। चूंकि जनता में उनकी पैठ नहीं हो रही है, इसलिए वे अब वोट लूटने की साजिशें बना रहे हैं और अपनी काली करतूत छिपाने के लिए चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर पेशबंदी कर रहे है। चुनाव आयोग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
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