लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि बसपा की अध्यक्षा सुश्री मायावती की समाजवादी पार्टी और इसके नेतृत्व के प्रति दुर्भावना बढ़ती ही जा रही है। अपने काले कारनामों की वजह से सत्ता से बेदखली से बौखलाकर वे समाजवादी सरकार पर उसके शपथग्रहण के पहले दिन से ही हमलावर हैं। निराश और कुंठा की शिकार पूर्व मुख्यमंत्री को राजनीतिक शिष्टाचार और मर्यादाओं का भी ध्यान नहीं रह गया है। मुलायम सिंह यादव जी के प्रति वे जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करती है इससे उनकी क्षुद्र मानसिकता का ही पता चलता है क्योंकि पूरे देश में नेताजी की प्रतिष्ठा है और उन्हें सम्मान दिया जाता है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की शालीनता और शिष्टता की प्रशंसा उनके धुर विरोधी यहां तक कि विधान सभा में विपक्ष के नेता भी करते हैं उनके प्रति अशालीन और अभद्र भाषा का प्रयोग जताता है कि अभी बसपा नेत्री में राजनीतिक परिपक्वता नहीं है और वे सामाजिक संस्कारों से अछूती है।
उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल की अध्यक्ष जब देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री को ललुआ जैसे सम्बोधन से याद करती है तो कोई भी समझ सकता है कि उसका बुद्धि विवेक और शिष्टाचार संबंधी ज्ञान कितना छिछला है। अपनी संकीर्ण मानसिकता के चलते ही वह नेताजी पर उल्टी सीधी टिप्पणियां करती हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि जितनी उनकी उम्र है उससे ज्यादा नेताजी का संघर्षमय जीवन है। महिलाओं के सम्मान की लड़ाई सबसे ज्यादा नेताजी ने लड़ी है। श्री अखिलेश यादव ने हमेशा अपने से बड़ो का आदर किया है और भाषणो में कभी भी असंयत भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है।
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