नई दिल्ली। वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के मुद्दे पर प्रियंका गांधी ने आईबीएन7 से खास बातचीत में टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर को खारिज किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरा फोकस रायबरेली और अमेठी है। मुझे चुनाव लड़ने से किसी ने नहीं रोका, अगर मैं चुनाव लड़ती तो मेरी मां, भाई और पति मेरा समर्थन करते। बल्कि हकीकत ये है कि कई बार राहुल ने मुझसे कहा कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए। चुनाव नहीं लड़ने का फैसला पूरी तरह से मेरा है और मैं तब तक चुनाव नहीं लड़ूंगी जब मुझे खुद नहीं लगता कि चुनाव लड़ना चाहिए। इससे पहले ऐसी खबरें आईं थी कि प्रियंका गांधी वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन पार्टी ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। अंग्रेजी अखबार का दावा है कि अब तक मां सोनिया और भाई राहुल के प्रचार की जिम्मेदारी तक ही सीमित रही प्रियंका इस बार खुद वाराणसी से चुनावी मैदान में उतरने को तैयार थीं। उन्होंने इसकी इच्छा भी जाहिर की थी क्योंकि उनका मानना था मोदी इस देश के लिए ठीक नहीं हैं और उन्हें रोका जाना जरूरी है।
प्रियंका के वाराणसी से खड़े होने से जहां मोदी के लिए मुकाबला मुश्किल हो जाता, वहीं कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं को भी नया उत्साह मिलता। साथ ही जब पार्टी के अधिकतर बड़े नेता और मंत्री चुनाव लड़ने से घबरा रहे हैं, ऐसे में प्रियंका की एंट्री से कांग्रेस में विश्वास लौट सकता था। इसके अलावा वाराणसी में प्रियंका के उतरने से मोदी को वाराणसी में ज्यादा जोर लगाना पड़ता और उनके नैशनल कैंपेन पर फर्क पड़ता। पार्टी के सीनियर नेताओं का कहना है कि प्रियंका को खड़ा नहीं करने के पीछे कारण यह था कि पार्टी किसी लोकल नेता को टिकट देकर मोदी के बाहरी होने के मुद्दे को भुना सके। हालांकि प्रियंका के चुनाव में न उतरने पार्टी के फैसले के पीछे और कई कारण संभव हैं। पहली बात यह है कि प्रियंका को उतारकर पार्टी मोदी को अधिक अहमियत का संदेश नहीं देना चाहती थी। साथ ही गांधी फैमिली के किसी सदस्य के हारने से उनकी प्रतिष्ठा और करिश्मे को नुकसान पहुंचता। अगर प्रियंका मैदान में आती तो उनपर पर्सनल हमले खास तौर पर उनके पति रॉबर्ट वाड्रा को लेकर किए जाते। गौरतलब है कि वाराणसी से कांग्रेस ने अजय राय को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीजेपी के प्रत्याशी हैं पार्टी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी। इन दोनों को टक्कर दे रहे हैं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल। इससे वाराणसी में मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। वाराणसी में मतदान 12 मई को होना है।
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