वाराणसी (डा. रवींद्र मिश्र)। काशी में नरेंद्र मोदी के फतह के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बिसात बिछा दी है। अपनी रणनीति के तहत संघ ने चुनाव में भाजपा के समानांतर व्यवस्था खड़ी की है। संघ ने भाजपा की ही तरह मतदान के लिए 'एक बूथ-बीस यूथ' के फार्मूले को आत्मसात किया है। बूथ कमेटियों से लेकर मंडल स्तर और फिर प्रभारी स्तर तक के दायित्व स्वयंसेवकों को सौंपे जा रहे हैं।
संघ की रणनीति में पोलिंग एजेंट बनाना भी शामिल है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल सहित कई दिग्गजों के कारण काशी का चुनावी महासमर काफी दिलचस्प हो गया है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार कुछ माह काशी में संघ प्रमुख मोहन भागवत के सानिध्य में हुए मंथन शिविर में ही नमो को वाराणसी संसदीय सीट से लड़ाने का निर्णय ले लिया गया था किंतु इस फैसले पर मुहर लगाने की औपचारिकता भाजपा चुनाव समिति ने पूरी की। चूंकि संघ की पहल पर ही नमो को वाराणसी से चुनाव लड़ाया जा रहा है, इसलिए उनके विजयश्री के लिए संघ ने पूरी तरह कमर कस ली है। इस बार संघ ने चुनाव में मतदाता बनवाने से लेकर वोट डलवाने तक की रणनीति बनाई है। मतदाता पुनरीक्षण का दायित्व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को सौंपा गया है। अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने के लिए संघ काशी क्षेत्र के प्रत्येक लोकसभा व विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी नियुक्त कर रहा है। काशी क्षेत्र में कुल 14 संसदीय सीटें हैं। विगत चुनाव में भाजपा को काशी क्षेत्र में सिर्फ वाराणसी संसदीय सीट पर ही सफलता मिली थी जिस पर डा. मुरली मनोहर जोशी चुने गए थे।
नमो के विश्वस्तों की टीम के गुजरात से वाराणसी पहुंचने के साथ ही संघ-भाजपा की संयुक्त कार्ययोजना पर अमल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव में समानांतर व्यवस्था खड़ी करने से भाजपा को भी बल मिला है। भाजपा को विश्वास है कि नमो लहर से पार्टी को न सिर्फ वाराणसी बल्कि काशी क्षेत्र की शेष सीटों पर भी बड़ी सफलता मिलेगी। संघ-भाजपा की संयुक्त चुनावी रणनीति पर मंथन करने पार्टी के प्रदेश प्रभारी अमित शाह एक अप्रैल को वाराणसी आएंगे। इस दिन वे सिगरा पर नमो के केंद्रीय चुनाव कार्यालय का भी उद्घाटन करेंगे। (साभार)
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