नई दिल्ली। तो क्या यह मानकर चला जाए कि नरेन्द्र मोदी और स्वामी रामदेव के बीच दुरियां बढ़नी शुरू हो गई है? योग गुरू बाबा रामदेव ने उस खबर का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि रामदेव बीजेपी के टिकट बंटवारे से नाराज हैं। रामदेव का कहना है कि मोदी को पीएम बनने की जल्दी है और पार्टी अति आत्मविश्वास से लबरेज़ है। खबर के मुताबिक रामदेव अपने कुछ चहेतों को बीजेपी का टिकट दिलवाना चाहते थे, लेकिन इसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली। रामदेव के ताज़ा रुख पर बीजेपी की प्रतिक्रया का इंतज़ार है। हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि रामदेव का ऐसा कहना अपने लोगों को टिकट दिलवानों के लिए उनका आखिर दांव पेंच हो सकता है। रामदेव एक बड़े अधिकारी को अमरोहा से टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन बीजेपी चुनाव समिति ने इस सीट से पूर्व क्रिकेट चेतन चौहान को उतारा है। बीजेपी ने रामदेव के करीबी नवल किशोर यादव को भी पाटलिपुत्रा से टिकट नहीं दिया। बीजेपी ने इस सीट से आरजेडी का दामन छोडकर आने वाले रामकृपाल को टिकट दिया। हालांकि, रामदेव के दूसरे उम्मीदवार अभी भी उम्मीद लगाए बैठे हैं, उनमें चांद महाराज भी हैं जो खुद भी एक गुरू हैं और राजस्थान के अलवर से टिकट की आस लगाए बैठे हैं। (साभार)
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