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कांग्रेस का सबको सेहत का वादा

नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के लिए आज जारी घोषणापत्र में कांग्रेस ने सामाजिक क्षेत्र के तहत जनता को कई बुनियादी अधिकार देने का वादा किया है। कांग्रेस ने कहा कि अगर वह केंद्र में फिर सरकार बनाती है तो स्वास्थ्य का अधिकार, आवास का अधिकार और गरीबों व विकलांगों के लिए पेंशन का अधिकार लागू करेगी। कांग्रेस ने यह भी वादा किया कि वह सत्ता में लौटी तो अगले एक दशक के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 1 लाख करोड़ डॉलर का निवेश कर विकास को बढ़ावा देगी, विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर 10 फीसदी तक लाएगी और सरकार बनाने के 100 दिन के भीतर रोजगार सृजन के लिए नया एजेंडा पेश करेगी। हालांकि पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह हमेशा पिछड़े और गरीबों के साथ खड़ी रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, 'घोषणा पत्र में सभी के लिए स्वास्थ्य का अधिकार और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए आवास का अधिकार नई पहल हैं। हम गरीबों को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराना चाहते हैं।' कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, '2014 के आम चुनाव उन लोगों को संवैधानिक गारंटी देने के लिए हैं, जो आजीविका कमाने के लिए संघर्ष करते हैं। भारत में उनका अधिकार भी सब के बराबर है।' युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टी ने घोषणा पत्र में अगले 5 वर्ष के दौरान 10 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार देने की प्रतिबद्घता जताई है। कम आय वाले सभी परिवारों को स्वास्थ्य पेंशन मिलेगी और आवास का अधिकार भी। कांग्रेस ने अगले 5 वर्ष में सभी भारतीयों को बैंक खाता मुहैया कराने का वादा किया है। कांग्रेस ने सत्ता में लौटने पर शहरी इलाकों में 100 फीसदी आबादी और ग्रामीण इलाकों में 90 फीसदी आबादी को बिजली आपूर्ति करने का वादा किया है। कांग्रेस ने जताया कि यह घोषणा पत्र और इसमें शामिल वादे राहुल गांधी जी के कहने पर किए गए हैं। घोषणा पत्र जारी करने से पहले दिखाई गई करीब 6 मिनट की फिल्म में घोषणा पत्र तैयार किए जाने के दौरान सिर्फ और सिर्फ राहुल गांधी को ही आम जनता से मुलाकात करते हुए दिख रहे हैं। जनता के अधिकतर सुझावों को घोषणा पत्र में शामिल किया गया है। कांग्रेस अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने से क्यों बच रही है, जबकि स्पष्ट है कि राहुल गांधी ने ही घोषणा पत्र का ज्यादातर मसौदा तैयार किया है? इसके जवाब में सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला कांग्रेस के सांसद मिलकर करेंगे। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में प्रशासन से जुड़े कुछ नए विचार भी शामिल किए हैं। मसलन कालेधन के लिए कांग्रेस एक विशेष दूत नियुक्त करेगी। वह विधेयक के जरिये एक पर्यावरण नियामक का गठन करेगी। यह एक पेशेवर एजेंसी होगी, जो गहन और तय समयसीमा के भीतर पर्यावरण से जुड़े मुद्दों की समीक्षा करेगी और अनुमतियां देकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को चुस्त बनाएगी। आईटी हार्डवेयर का आयात करने के बजाय सरकार देसी आईटी हार्डवेयर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कर में रियायत देने का भी वादा घोषणा पत्र में किया गया है। यही नहीं प्राकृतिक संसाधनों के आवंटनों पर हुए घोटाले के कारण दूसरे कार्यकाल के दौरान विवादों में घिरी कांग्रेस ने'प्राकृतिक संसाधनों के उचित, पारदर्शी, समान और तय समयावधि में विकास' के लिए एक विशेष एसपीवी गठित करने का भी वादा किया है। घोषणा पत्र में कहा गया है कि एसपीवी, 'इस्तेमाल के आधार पर न कि मध्यस्थता के आधार पर न्यायिक तरीके से आवंटन के लिए जिम्मेदार होगी और साथ ही मौजूदा जरूरत व भविष्य में मांग के बीच संतुलन भी साधेगी।' पार्टी ने वादा किया है कि केंद्रीय मंत्रालयों की सभी नियामकीय प्रक्रियाओं की समीक्षा के लिए एक नियामकीय सुधार कार्यबल का गठन किया जाएगा, जो भारत में कारोबार करना आसान बनाएगा। हालांकि कांग्रेस ने सब्सिडी के मामले में थोड़ी सतर्कता बरती है और इसे 'जरूरतमंदों' तक ही सीमित करने का फैसला किया है। सब्सिडी के बेहतर इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस ने 'सेंसिबल यूजर चार्ज' लागू करने की बात कही है। हालांकि घोषणा पत्र में यह नहीं बताया गया है कि क्या खाद्य, उर्वरक और तेल पर दी जा रही सब्सिडी वापस ली जाएगी या नहीं। बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों, पुनर्पूंजीकरण, उत्तराधिकार योजना और परिचालन स्वायत्तता से जुड़ी समस्याओं के बारे में कांग्रेस ने स्पष्टï खाका पेश किया है। आवास और स्वास्थ्य का अधिकार किसानों को अधिक समर्थन मूल्य देने का वादा बुनियादी ढांचे और विकास पर ध्यान प्राकृतिक संसाधनों के लिए स्वतंत्र नियामक शहरी इलाकों में 100 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 94 फीसदी बिजली का वादा अगले तीन साल में जीडीपी दर 8 फीसदी से ऊपर लाना अगले दशक के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र में एक लाख करोड़ डॉलर का करेगी निवेश विनिर्माण क्षेत्र में 10 फीसदी विकास दर हासिल करना रोजगार सृजन का नया एजेंडा पेश करना निजी क्षेत्र में रोजगार आरक्षण पर सहमति बनाना राजकोषीय और कर नीतियां एक साल के दौरान जीएसटी और प्रत्यक्ष कर संहिता लागू करना निर्यात पर सभी शुल्क समाप्त करना एफएसएलआरसी की सिफारिशों का तुरंत क्रियान्वयन बहुत जरूरी होगा तो ही मिलेगी सब्सिडी
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