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पासवान से गठबंधन पर भाजपा में उठे बगावत के सुर

नई दिल्ली। लोजपा और भाजपा के बीच गठबंधन होने से पहले ही भाजपा में इसका विरोध शुरू हो गया है। भाजपा के वरीय नेता अश्विनी कुमार चौबे ने अपने वरीय नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि मैं कोर कमेटी का सदस्य हूं, पर मुझसे गठबंधन के मामले पर कोई राय नहीं ली गई। कोर कमेटी पहले ही तय कर चुका है कि राजद और लोजपा से समझौता नहीं करेंगे तब फिर यह कैसे हो गया? उन्होंेने कहा कि इस मामले पर वह अपनी नाराजगी पार्टी के बड़े नेताओं को बता चुके हैं। हालांकि भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह का कहना है कि लोजपा और भाजपा के गठबंधन के बारे में उन्हें अभी तक कोई जानकारी नहीं है। लोजपा के नेता रामविलास पासवान एनडीए के साथ गठवंधन के लिए तैयार बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि उनके बेटे चिराग पासवान ने उन्हेंध समझाया कि तमाम सर्वे में मोदी की लहर बताई जा रही है और कांग्रेस की हालत खस्ता बताई जा रही है। इसके बाद वह एनडीए से समझौते पर राजी हुए। पासवान जब जिधर पलड़ा भारी देखते है तो अपना रुख उधर कर लेते हैं। रामविलास पासवान का लोजपा के बारे में माना जा रहा है कि भाजपा से उसकी बातचीत अंतिम चरण में है। बताया जा रहा है कि सीटों की संख्याम 7 तक पर सहमति बन गई है। अब केवल यह तय होना है कि लोजपा को दी जाने वाली 7 सीटें कौन सी होंगी। पासवान की इस गठबंधन की खबर पर एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि अगर यह होता है तो यह इस देश की राजनीति की विडंबना हो जाएगी। पासवान ने गुजरात दंगों के लिए मोदी को दोषी बताते हुए एनडीए छोड़ा था। अब अगर वह मोदी के साथ जाते हैं तो यह दुखद होगा। इस मुद्दे पर लालू ने कहा कि रामविलास पासवान के प्रति हमारा कोई दुराव नहीं है। ऐसा होता तो संकट के दिनों में हम उनकी मदद नहीं करते। पासवान के मोदी खेमे में जाने से नीतीश को इसका सबसे बड़ा नुकसान होगा। भाजपा तेजी से बिहार की क्षेत्रीय पार्टियों को अपने धड़े में शामिल कर रही है। रामविलास पासवान का भाजपा के साथ जाने की चर्चा से सबसे बड़ी चिंता जदयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को होगी। गौरतलब है कि पासवान 2002 में गुजरात दंगों को कारण बताते हुए एनडीए से बाहर हुए थे। इससे पहले बिहार के ओबीसी नेता उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी भी एनडीए में शामिल हो चुकी है। कुशवाहा की पार्टी को थर्ड फ्रंट का संभावित हिस्सा माना जा रहा था। यानी एक नीतीश के अलावा लालू ही मोदी विरोधी खेमे के बड़े नाता बचेंगे। लेकिन, नीतीश के समीकरण उनके साथ फिट नहीं बैठते।
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