
गृह विभाग के सूत्रों ने लखनऊ में बताया कि मारे गये लोगों में एक टीवी चैनल का स्थानीय पत्रकार भी शामिल है। सूत्रों ने बताया कि स्थिति की गंभीरता और तनाव को देखते हुए सिविल लाइंस, कोतवाली और नयी मंडी थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। गृह विभाग के अनुसार पांच कम्पनी पीएसी और पांच कम्पनी रेपिड एक्शन फोर्स को तत्काल मुजफ्फरनगर रवाना किया गया है। इस बीच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अरूण कुमार ने लखनऊ में घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद मुजफ्फरनगर में टकराव रोका नहीं जा सका। कुमार ने बताया कि तनाव और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मुजफ्फरनगर पहुंच गये हैं जिनमें आईजी (कानून व्यवस्था) के साथ-साथ सीमावर्ती परिक्षेत्र मेरठ और सहारनपुर के पुलिस महानिरीक्षक भी तनावगस्त क्षेत्र में मौजूद हैं और स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं।
उधर, नई दिल्ली में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को कहा कि सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इसके मद्देनजर उन्होंने सभी राज्यों को आगाह किया है कि वे अलर्ट रहें और आगामी आम चुनावों से पहले शांति भंग करने की किसी भी कोशिश को कामयाब नहीं होने दें। शिंदे ने रिपोर्टरों से कहा, पिछले साल से सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। देश में पिछले साल जहां ऐसी 410 वारदातें हुईं वहीं इस साल अब तक 451 वारदातें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है और उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से व्यक्तिगत तौर पर इस बारे में चर्चा की है। इससे पहले कैबिनेट सचिव अजित सेठ ने शुक्रवार को सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वे सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं से मजबूती से निपटें। सेठ ने चेतावनी दी थी कि सांप्रदायिक धु्रवीकरण आम चुनावों से पहले देश के सामाजिक ताने-बाने को ध्वस्त कर सकता है।()
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