बागपत (महबूब अली)। जो लोग एक दूसरे की खातिर जान तक लेने को लिए तैयार हो जाया करते थे आज वही एक दूसरे की जान के दुश्मन क्यों बने हुए हैं। निरोजपुर गुर्जर गांव में साम्प्रदायिक तनाव के बाद यह सवाल हर किसी के दिमाग में घर कर रहा है। लगता है निरोजपुर गुर्जर गांव को किसी की नजर लग गई है। निरोजपुर पहले से ही हिन्दु-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल रहा है।
निरोजपुर गुर्जर गांव में जाट, दलित, कश्यप व मुस्लिम समुदाय के रहते हैं। मुस्लिम समुदाय के करीब 800 लोग रहते हैं। गांव की खास बात रही है कि यहां पर दोनों समुदाय के लोगों के बीच में कभी झगड़ा तक नहीं हुआ था। यहीं नहीं दोनों मस्जिदों व पांच मंदिरों का निर्माण दोनों समुदाय के लोगों ने मिलकर कराया था। चाहे ईद, बकरीद हो या फिर होली दीपावली दोनों समुदाय के लोग मिलकर त्योहारों को मनाते थे। छोटे-मोटे लडाई के मामले तो गांव की पंचायत में बिना पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही निपटा दिए करते थे। यहीं नहीं कई बार बाघू गांव के ग्रामीणों ने निरोजपुर के ग्रामीणों पर हमला बोला तो दोनों समुदाय के ग्रामीणों ने उनका न सिर्फ उनका मिलकर सामना किया था बल्कि उन्हें भगाने मे भी कामयाब रहे थे।
शांति व्यवस्था अभी भी रहेगी कायम
ग्राम प्रधान योगेश का कहना है कि गांव पहले से ही हिन्दु मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल रहा है तथा यहां पर शांति बनी रहेगी। गांव का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराई जायेगी।
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