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ऋषिकेश (राम महेश मिश्र)। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ‘श्री मुनि जी महाराज’ ने देहरादून में मुख्यमन्त्री विजय बहुगुणा से भेंट की। लगभग आधे घण्टे की मुलाकात में उन्होंने उत्तराखण्ड त्रासदी के पीडि़तों को जीवनोपयोगी राहत सामग्री अधिक से अधिक मात्रा में पहुंचाने तथा ध्वस्त हो गये गांवों के पुनर्वास जैसे मुद्दों पर बातचीत की। मुख्यमन्त्री बहुगुणा ने गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा पीडि़तों को भेजी जा रही सहायता के लिए श्री मुनि जी महाराज की सराहना की। उन्होंने उत्तरकाशी जनपद में बारिश से बचने हेतु अस्थाई व्यवस्था के तहत ज्यादा से ज्यादा संख्या में तिरपाल तथा अंधेरे में डूबे गांवों में प्रकाश व्यवस्था के लिए सोलर लाईट भिजवाने का आग्रह स्वामी चिदानन्द सरस्वती से किया। परमार्थ निकेतन के निदेशक (कार्यक्रम कार्यान्वयन) राम महेश मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री की अपेक्षानुसार ग्यारह सौ तिरपाल जिलाधिकारी उत्तरकाशी को भेजे जा रहे हैं। दो हजार पांच सौ सोलर लाईटों की व्यवस्था तीन दिन में करा दी जाएगी। मिश्र ने बताया कि इस सम्बन्ध में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी पंकज कुमार पाण्डेय को गंगा एक्शन परिवार द्वारा जानकारी दे दी गई है। उधर, रुद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी नगर में बनाये गये राहत कैम्प के माध्यम से गंगा एक्शन परिवार द्वारा आठ ट्रक राहत सामग्री दूरस्थ नौ गांवों में वितरित की जा चुकी है। दो ट्रक सामान और पहुंच चुका है, जिसका वितरण शीघ्र कराया जाएगा। मिश्र ने बताया कि आरम्भिक चरण में लगभग 25 ट्रक राहत सामग्री की व्यवस्था गंगा एक्शन परिवार-परमार्थ निकेतन एवं उसकी सहयोगी संस्थाओं की ओर से आपदा पीडि़तों के लिए की गई है। राहत सामग्री में रसोई के सभी सामान, बारिश से बचने हेतु तिरपाल, छतरी, रेनकोट, जाड़े से बचाव हेतु कम्बल, लोई, स्वेटर, स्लीपिंग बैग तथा रोशनी व्यवस्था के लिए लालटेन, टार्च, मोमबत्ती, लाईटर एवं माचिस आदि शामिल हैं। परमार्थ प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री से हुई वार्ता में स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अनाथ बच्चों को गोद लेने की पेशकश की तथा गांवों के पुनर्वास की योजना पर काम करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया।
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