
मार्च 2014 में बदलेगा ट्रेन बुकिंग का सिस्टम
आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए इंटरनेट से रेल टिकट बुक कराने वालों को अभी राहत के लिए अगले साल मार्च तक इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि मार्च में जब आईआरसीटीसी का नया सिस्टम चालू हो जाएगा, तो उसकी टिकट बुक करने की क्षमता में भी तीन से चार गुना की बढ़ोतरी हो जाएगी। यही नहीं, नए सिस्टम में रेल टिकट बुक कराने और ट्रेनों के बारे में जानकारी पाने वालों के लिए अलग-अलग सिस्टम होगा। इससे रेल टिकट बुक कराने के लिए कम वक्त लगेगा।
गौरतलब है कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट को लेकर अकसर यह शिकायतें आती हैं कि वेबसाइट पर टिकट बुक कराने में लंबा वक्त लग जाता है। आईआरसीटीसी के सूत्रों का कहना है कि दरअसल, मौजूदा सिस्टम 2005 में लगाया गया था और तब से अब तक इस सिस्टम को सिर्फ अपग्रेड ही किया जाता रहा है। लेकिन, अब तय किया गया है कि इस पूरे सिस्टम को ही बदल दिया जाए। इसके तहत न सिर्फ पूरा हार्डवेयर ही नेक्स्ट जनरेशन का लगाया जाएगा बल्कि नया सॉफ्टवेयर भी विकसित किया जा रहा है। इस पूरे सिस्टम पर आईआरसीटीसी 90 से 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। आईआरसीटीसी सूत्रों के मुताबिक, अभी इस वेबसाइट के जरिए हर मिनट में दो हजार टिकट बुक किए जा सकते हैं। लेकिन क्रिस और आईआरसीटीसी मिलकर जो नया सॉफ्टवेयर डिवेलप कर रहे हैं, उससे टिकट बुक करने की क्षमता में तीन से चार गुना की बढ़ोतरी होगी। नया सॉफ्टवेयर ऐसा होगा कि अगर किसी खास वक्त में टिकट बुकिंग का दबाव बढ़ेगा, तो वह उसे भी झेल सकेगा। आईआरसीटीसी के एक अधिकारी के मुताबिक, अभी दोनों का एक ही सिस्टम है। ऐसे में इन्क्वायरी करने वालों की वजह से भी वेबसाइट की स्पीड कम हो जाती है। हालांकि नए सिस्टम के तहत टिकट बुकिंग और पूछताछ के लिए वेबसाइट एक ही रहेगी, लेकिन जैसे ही पैसेंजर पूछताछ के लिए बटन दबाएगा, वह अलग सिस्टम में चला जाएगा। इस तरह से पूछताछ करने वालों के लॉगइन का असर टिकट बुकिंग कराने वालों पर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि इस वक्त आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए रोजाना औसतन 4.10 लाख टिकट बुक होते हैं। आईआरसीटीसी अधिकारियों का कहना है कि यह पूरा सिस्टम इस फाइनैंशल ईयर के अंत तक तैयार हो जाने की उम्मीद है। इस सिस्टम के तैयार होने के बाद कई तरह की दिक्कतें खत्म हो जाएंगी। (साभार एनबीटी)
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