ऋषिकेश (राम महेश मिश्र)। देवभूमि उत्तराखण्ड में आयी दैवीय आपदा से हुई भारी क्षति को महसूस करते हुए गंगाप्रेमी पर्यावरण संस्थाओं ने आपदा में हताहत हुए लोगों की स्मृति में किया वृक्षारोपण। गंगा एक्शन परिवार ने परमार्थ निकेतन में इस अवसर पर पौधरोपण कर पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लिया तथा हिमालय को वृक्षादित करने का आह्वान किया। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ‘मुनि जी महाराज’ के निर्देशन में इस दैवीय आपदा में दिवंगत आत्माओं की शान्ति व उनकी स्मृति में पौधे लगाये गये। गायत्री जयन्ती व गंगा दशहरा मनाने का जो पौराणिक महत्व है उसमें भी प्रकृति संरक्षण का संदेश जाता है।
पौधरोपण कार्यक्रम में प्रकृति प्रेमियों से अनुरोध करते हुए हिमालय वाहिनी के अध्यक्ष पर्यावरणविद विजयपाल बघेल ने कहा कि प्राकृतिक आपदायें खतरे की घंटी होती है। पर्यावरणीय तन्त्र से छेड़छाड़ होने पर प्रकृति अपना रूद्ररूप धारण कर सचेत करती है कि मानव अपने अस्तित्व की रक्षा करने के लिए पर्यावरण का संरक्षण करे। स्वामिनी आदित्यानन्दा जी ने अपने जन्मदिवस पर दिवंगत आत्माओं की याद स्मृति में उनकी शान्ति-सदगति के लिये प्रार्थना की तथा उनकी स्मृति में लगाये गये इन पौधों को जीवित रखने का प्रण किया। पौधरोपण का कार्य देख रहे विनीत कुमार ने बताया कि सामान्य स्थिति बहाल होने पर इस कार्य को परमार्थ निकेतन एक मुहिम के रूप में संचालित करेगा। पर्यावरण सचेतक समिति के महासचिव रामनाथ गुटगुटिया ने आगाह किया कि हिमालय का विनाश ही प्राकृतिक आपदाओं के आमन्त्रित कर रहा है इस समस्या का एक मात्र निदान पौधंरोपण ही है। राष्ट्रीय वन सेवायोजना के संयोजक डा.किशोर चैहान ने युवाओं विशेषकर विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे इस मानसून में घायल हिमालय की रक्षा को हरीतिमा बढ़ाएं और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें। इस अवसर पर परमार्थ गुरुकुल अनुशासक मोहन सिंह, वर्षा, अनघा, सूरज, सागर, शान्ति, शुभम इत्यादि उपस्थित थे।
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