गोवा। अगर किसी नेता के हाथ में किसी जहाज की कमान सौंप दी जाए तो क्या होगा? जाहिर है कि पायलट के रूप में वह विमान तो चलाएगा ही लेकिन वह माइक भी नहीं छोड़ेगा। यही नजारा दिखा दिल्ली से गोवा आने वाली इंडिगो की फ्लाइट में। इस फ्लाइट की पूरी कमान तो किसी नेता पायलट के हाथ में नहीं थी लेकिन पायलट होने के नाते यह जरूर कहा जा सकता है कि विमान उड़ाने में उसकी भी भूमिका थी। असल में बीजेपी महासचिव राजीव प्रताप रूडी के पास कमर्शल उड़ान का लाइसेंस भी है और वे अक्सर फ्लाइट उड़ाते भी हैं। लेकिन शुक्रवार को चूंकि कई नेता गोवा जा रहे थे और संयोग से वे उसी विमान में थे, जिसमें रुडी को-पायलट की हैसियत से कॉकपिट में थे। उसके बाद वही हुआ, जिसकी एक नेता से उम्मीद की जा सकती है। रूडी बाकायदा कॉकपिट में जाने से पहले अपनी पार्टी के सीनियर लीडर कलराज मिश्र से भी मिले। लेकिन माहौल तब दिलचस्प हुआ, जब एयर होस्टेस ने फ्लाइट में पायलट और को-पायलट की जानकारी देते हुए बताया कि को-पायलट हैं राजीव प्रताप रूडी फ्रॉम पटना। इसके बाद उड़ान के दौरान रूडी कई बार पैसेंजरों से मुखातिब हुए। हालांकि उड़ान के दौरान पायलट गाहे-बगाहे ही अनाउंसमेंट करता है लेकिन इस उड़ान में बाकायदा रूडी रास्ते में यह भी बताते चले कि विमान दायीं ओर मुड़ा और उड़ते विमान के दायीं ओर नीचे कौन से शहर हैं और बायीं और कौन से।
यही नहीं, वे बीच-बीच में पैसेंजरों को और जानकारियां भी देते रहे। लेकिन इतना जरूर है कि रूडी ने पायलट के रूप में गरिमापूर्ण तरीके से पैसेंजरों को जानकारी तो दी लेकिन नेता के तौर पर उन्होंने पैसेंजरों से वोट नहीं मांगे। इस फ्लाइट में कलराज मिश्र के अलावा सांसद अर्जुन मेघवाल, नलिन कोहली जैसे नेता भी सवार थे। (साभार एनबीटी)
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