पटना (एनएफए)। कृषि विभाग में संविदा पर रखे गए विषय वस्तु विशेषज्ञों (एसएमएस) की सेवा समाप्त होते ही सरकार का श्रीविधि अभियान भी दम तोड़ने लगा है। इसी अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने कुछ वर्ष पूर्व संविदा पर एसएमएस को नियुक्त किया था।
उल्लेखनीय है कि श्रीविधि अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार की मंशा थी कृषि कार्य और उत्पाद में फिसड्डी साबित होने वाले बिहार के किसानों को उत्प्रेरित कर उनसे कृषि उत्पादन बढ़वाया जाए। किसानों को कृषि कार्य के प्रति जागरूक किया जाए। साथ ही खेती-किसानी के जरिए बेरोजगारी से भी मुकाबला किया जाए। राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए ही संविदा पर सूबे भर में प्रखंड स्तरीय करीब सवा दो हजार एसएमएस नियुक्त हुए। कहा जा रहा है कि नियुक्ति के दरम्यान और विभिन्न कार्यशालाओं में सरकार के जिम्मेदार नेताओं और अधिकारियों ने इन विषय वस्तु विशेषज्ञों को तमाम आश्वासन दिए। जिसके तहत उनकी नौकरी सुरक्षित कराने से लेकर उनकी प्रगति की लंबी-चौड़ी बातें की गई थीं। अब अचानक सुप्रीम कोर्ट के किसी पुराने फैसले का हवाला देते हुए इन विषय वस्तु विशेषज्ञों की नियुक्ति रद्द कर दी गई है। खैर, अपनी नियुक्ति रद्द होने से इनमें जो आक्रोश फैला है वह दूसरी बात है, लेकिन फिलहाल कृषि कार्यों में पहुंचने वाली बाधा नोट करने वाली है। विषय वस्तु विशेषज्ञों के सहारे जिस श्रीविधि अभियान को सफल बनाकर राज्य सरकार ने फसलोत्पादन का डंका पूरी दुनिया में बजा दिया अब वह अभियान फ्लॉप होने लगा है। बताते हैं कि अब न तो किसानों का ठीक से प्रशिक्षण हो पा रहा है और ना ही कृषि संबंधी योजनाएं ही किसानों तक पहुंच पा रही है। यही वजह है कि अब जिला कृषि अधिकारी भी यह मानने लगे हैं कि विषय वस्तु विशेषज्ञों की नियुक्ति रद्द होने से ही इस तरह की समस्या पैदा हुई है। उधर, विषय वस्तु विशषज्ञ संघ के प्रवक्ता नित्यानंद तिवारी ने कहा कि अपनी नियुक्ति रद्द होने से आक्रोशित एसएमएस सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं और उसकी रणनीतियां बनाई जा रही है।
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