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कोर्ट में सरेंडर कर आर्थर रोड जेल पहुंचे संजय दत्त

मुम्बई। बॉलीवुड स्टार संजय दत्त अपनी साढ़े तीन साल की सजा पूरी करने को तैयार हैं। मुंबई हमलों में उन्हें दोषी ठहराया जा चुका है और पांच साल की सजा दी गई है। अदालत ने सरेंडर के लिए उन्हें ज्यादा मोहलत देने से इनकार कर दिया था। मुंबई में बम हमले का यह मामला 20 साल पहले यानी 1993 का है। 53 साल के दत्त जब घर से निकले, तो रिश्तेदारों और दोस्तों के अलावा पत्रकारों ने भी उन्हें घेर लिया। जब वह अदालत पहुंचे, तो वह कार से निकल भी नहीं पा रहे थे और पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। बॉलीवुड में बैड ब्वाय के नाम से मशहूर दत्त को 2006 में दोषी करार दिया गया था। उन पर 1993 के मुंबई हमलों के दौरान बंदूक रखने का आरोप साबित हुआ था। मुंबई के उस हमले में 257 लोगों की मौत हुई थी। इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त की सजा को जारी रखा लेकिन उनकी छह साल की सजा को घटा कर पांच साल कर दिया। बाद में उन्हें थोड़ी मोहलत दी गई, ताकि वे अपनी बची हुई फिल्मों की शूटिंग पूरी कर सकें हालांकि संजय दत्त ने बाद में अदालत से थोड़ी और मोहलत मांगी लेकिन कोर्ट ने यह अर्जी सुनने से इनकार कर दिया। फिल्म जानकारों की राय है कि मुन्नाभाई से मशहूर संजय दत्त की वजह से ढाई अरब रुपये दांव पर लगे हैं। पिछले दिनों संजय दत्त ने वह याचिका भी वापस ले ली, जिसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था। उन्होंने अपील की थी कि उन्हें दूसरे शहर में सरेंडर करने दिया जाए। जेल के अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि संजय दत्त को पूरी सुरक्षा मिलेगी। घर से निकलने से पहले बॉलीवुड की कई शख्सियतों ने संजय दत्त से मुलाकात की। एक हिंदू संस्था ने इस बीच उन्हें मौत की सजा देने की अपील की है। संजय दत्त के मां बाप सुनील दत्त और नरगिस दत्त भारत के सबसे बड़े फिल्मी सितारों में गिने जाते हैं। उन्होंने 1980 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और उनकी शुरुआती फिल्में काफी हिट रहीं। मुंबई बम धमाकों में शामिल होने के आरोपों के बीच उन्होंने कई हिट फिल्में दीं, जिनमें मुन्नाभाई सीरीज की दो फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों से संजय दत्त की छवि भी बदली। तीन बच्चों के पिता संजय दत्त पर एक ऑटोमैटिक राइफल और पिस्तौल रखने का आरोप है। उनका दावा है कि यह उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए रखी थी। 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के अगले साल मुंबई में दंगे हुए थे, जिसमें भारत सरकार का आरोप है कि माफिया सरगना दाऊद इब्राहीम का हाथ था। अदालत ने जब हाल में उन्हें सजा सुनाई थी, तो वह कैमरों के सामने रो पड़े थे। कभी नशे के आगोश में रहने वाले संजय दत्त ने तीन शादियां की हैं। उनकी पहली पत्नी ने कैंसर की वजह से दम तोड़ दिया था, जबकि दूसरी पत्नी से उन्होंने तलाक ले लिया था। अब वह तीसरी पत्नी के साथ रहते हैं। संजय दत्त अपनी पत्नी मान्यता दत्त, बहन प्रिया दत्त, निर्माता महेश भट्ट समेत क़रीबी दोस्तों के साथ मुंबई के टाडा कोर्ट पहुंचे और समर्पण कर दिया। कोर्ट के बाहर लोगों का भारी हुजूम था। फिल्म अभिनेता को पहले आर्थर रोड जेल ले जाया गया। उसके बाद जेल अधिकारी ये तय करेंगे कि उन्हें किस जेल में रखना है। संजय दत्त ने टाडा अदालत में समर्पण के बाद जज से अपील की थी कि उन्हें पंखा और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट उपलब्ध कराया जाएगा। अदालत ने पंखे की मांग तो मान ली, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की मांग को ठुकरा दिया। जब संजय दत्त वहां पहुंचे तो अपनी गाड़ी से बाहर निकलकर अपील की कि मुझे रास्ता दीजिए। मुझे ऊपर जाना है ताकि मैं कोर्ट पहुंचकर सरेंडर कर सकूं। इससे पहले जब संजय दत्त मुंबई के पाली हिल स्थित अपने घर से टाडा कोर्ट में समर्पण के लिए निकले। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें समर्पण के लिए और वक़्त की मोहलत नहीं मिली है जिसके बाद तय हो गया था कि उन्हें 16 मई को समर्पण करना ही होगा। मुंबई के पाली हिल स्थित उनके घर इंपीरियल हाइट्स के बाहर सुबह से ही काफी चहल-पहल थी। देर रात तक कई फिल्मी हस्तियां संजय दत्त के घर पहुंचीं। सलमान ख़ान, अजय देवगन, अभिषेक बच्चन जैसे सितारे उनसे मिलने पहुंचे। सुबह राजकुमार हीरानी, किरण कुमार और महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह भी उनके घर पहुंचे। (साभार)
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