महबूब अली, बागपत। जिले में हो रही हत्या, लूट, चोरी की वारदातों को देखकर लोग बागपत को भी मिनी क्राइम कैपिटल के नाम से पुकारने लगे है। पिछले दो तीन माह से तो बागपत में आपराधिक घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। इस संबंध में लोगों से बढ़ते अपराध के बारे में बातचीत की गई। इस संदर्भ में प्रेम शंकर शर्मा ने कहा कि जिले में आपराधिक घटनाएं बढ़ती ही जा रही है। पुलिस घटनाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम है। दिनेश जैन ने कहा कि आज के समय में हत्या, लूट, चोरी, छेड़छाड व दुष्कर्म जैसी वारदातों से जिला थर्रा गया है। महिलाओं व युवतियों का घर से निकलना दूभर हो गया है। जिले के किस स्थान पर मनचले मिल जाएं कुछ नहीं कहा जा सकता, मगर पुलिस इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। मोहन गुप्ता ने कहते हैं कि वे पुलिस अधिकारियों से बदमाशों पर शिकंजा कसने की मांग करेंगे, क्योंकि पुलिस अधिकारियों की लापरवाही से जिले में अपराधों की बाढ़ सी आ गई है। मगर पुलिस इन पर अंकुश लगाना तो दूर प्लान तक तैयार करने में विफल है। मुकेश गोयल ने कहा कि बदमाशों को पक़ड़कर लोग पुलिस को तो सौंप देते हे मगर बदमाशों की पहुंच इतनी अधिक होती है वे एकाध दिन में पुलिस की चंगुल से बाहर आ जाते हैं। श्रवण जैन ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या है थानों व अन्य सरकारी दफ्तरों में फरियादियों की समस्या का समाधान नहीं हो पाता। धनपाल जैन ने कहा कि वह कई बार पुलिस अधिकारियों से आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने की मांग कर चुके है मगर कोई सुनने वाला नहीं है। यदि यहीं हाल रहा तो लोग सडक़ों पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होंगे। वैभव जैन ने कहा कि जिले में छेड़छाड व दुष्कर्म की घटनाओं में इजाफा होता जा रहा है। मनचले हर जगह छेड़छाड करते दिखाई देते है मगर शिकायत करने के बाद भी उनपर अंकुश नहीं लगता। विजय सिंह मानव कहते हैं कि बागपत में सबसे अधिक अपने ही अपनों को मौत की घाट उतारते है। पुलिस इस तरह की घटनाओं रोकने पर ध्यान नहीं देती।
आपराधिक घटनाओं पर लगा है अंकुशः एसपी
एसपी राजू बाबू सिंह का कहना है कि आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है। कई घटनाओं का खुलासा भी किया गया है। जल्द ही अन्य घटनाओं का भी खुलासा कर दिया जाएगा।
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