![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhd9z3acKoElHTmrMZU-v4HkRMXoqxJDV2PdPdHYTrR8EGKJypwN-w1ehYTOYimJOAe-X8ulQUPj7vgNE1rWbd4ZJW9GeLX2ZBXrO38LRDHWHLgj6KJGY3dEAjPAnAwGRdiwuiGSCj8CXnY/s320/shiv.jpg)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgBAk-vvn354IcYvq8fhJXaOVI4-EEKA8uaDtjuscbBIHOqKIZCp4pjr11bKpH3MRvWKznwz714H-xu4Lf6_rtd0pvkOehTpTChavuqZn7eEMJUEVdfG3oI2FVEGmhJRoUUGxhzxI24RUrk/s320/jyot.jpg)
उमेश शुक्ल, मैहर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हिताई-नताई के गढ़ में कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमोबेश अपनी बांह चढ़ाई। अपनों के बीच से निकलते हुए जनता के सामने आए। जनता की उत्सुकता को देखते हुए सिंधिया उत्साहित रहे और निवासियों की मां शारदा के प्रति आस्था रुपी नब्ज पर उंगली रख दी, टटोला। वायदे किए, विकास की योजनाएं समझा गए। स्थानीय लोगों ने देखा, सुना और समझा भी। चुनाव सर पर है। शिवराज रूपी समुंदर में अपनी कश्ती को हौले-हौले उतारा। चिंतन-मनन करने के साथ लौट लिए। इतना जरूर रहा कि जूनियर सिंधिया ने भाजपाई बुद्धिजीवियों को सोचने पर विवश किया। सुबह से लगायत दूसरे दिन देर शाम तक फिजां में लहर दौड़ी। एकबार फिर शिवराज के नगर में वैवाहिक समारोहों में होने वाली उपस्थिति की दुहाई दी। संतुलन कायम रखने का प्रयास किया।
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।