हरिद्वार (नरेश दीवान शैली)। महानिर्वाणी अखाडा के आचार्य महामंडलेश्वर व संत स्वामी विश्वदेवा नन्द जी का 7 मई की देर शाम निधन हो गया। जोली ग्रांट हवाई अड्डे से देर सायं हरिद्वार आश्रम में लौटते वक्त हुई एक भीषण दुर्घटना उनकी निधन का कारण बनी। उनकी मृत्यु का समाचर आते ही धर्मनगरी स्तब्ध रह गयी और संतजनों में शोक व्याप्त हो गया। स्वामीजी ने हरिद्वार में अद्भुत श्री यन्त्र मंदिर की स्थापना 2 वर्ष पूर्व कराई थी। उनकी मृत्यु का समाचार सुनकर देर रात तक श्रधांजलि अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा। अखाडा परिषद् के महांमंत्री हरिगिरी जी, जुना अखाडा के सचिव परशुराम गिरी, विहिप के उपाध्यक्ष राजेंद्र पंकज, पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती, स्वामी प्रखर जी व महामंडलेश्वर अर्जुन पूरी अदि ने स्वामी जी के पार्थिव शारीर पर पुष्प चढ़ाकर श्रधांजलि दी। स्वामी जी का समाधि कार्यक्रम समाचार लिखे जाने तक तय किया जा रहा था व ट्रस्टियों व अन्य भक्तों की प्रतीक्षा हो रही थी।
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