
उत्तर प्रदेश के मंत्री बड़बोलेपन से बाज नहीं आ रहे हैं। स्वास्थ्य राज्यमंत्री शंखलाल मांझी ने कहा कि अधिकारी यदि बात नहीं सुनते तो उन्हें कमरे में बंद कर पीटो। बाद में जो होगा, देख लेंगे। सपा कार्यकर्ताओं को यह सीख मंत्री ने कटेहरी में आयोजित बैठक में दी है। हालांकि बाद में मांझी अपने बयान से पलट गए और कहा कि उन्होंने सिर्फ संघर्ष करने की बात कही है। इससे पहले भी प्रदेश सरकार के कई मंत्री बेतुका बयान दे चुके हैं। यहां जिला मुख्यालय पर होने वाले सपा सम्मेलन को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ता बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में मंत्री के पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने अपनी उपेक्षा व उलाहना की झड़ी लगा दी। कार्यकर्ताओं की शिकायतों से मंत्री झल्ला गए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि अधिकारियों की पहले बंद कमरे में पिटाई कर दो। यदि कोई खांटी सपाई है तो ऐसा किए बगैर दोबारा उनसे शिकायत नहीं करेगा। बाद में उन्होंने जोर देकर कहा कि पिटाई कर आना, जो होगा देख लिया जाएगा। मंत्री के इस तेवर ने कार्यकर्ताओं का आक्रोश तो शांत कर दिया लेकिन इससे प्रदेश सरकार के सुशासन के दावों की पोल खुलती नजर आई। हालांकि बाद में वह बयान से पलट गए। मंत्री ने कहा कि उन्होंने पिटाई की कोई बात नहीं की है। सिर्फ कार्यकर्ताओं से यह कहा कि यदि कोई अधिकारी उनकी बात नहीं सुनता है तो आठ से दस की संख्या में जाओ और संघर्ष करो। यदि जेल जाने की नौबत आई तो हम छुड़ा लेंगे। (साभार, अउ)
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