नई दिल्ली। हिंदुस्तान को मधुमक्खी का छत्ता बताने वाले राहुल गांधी के बयान पर नरेंद्र मोदी के भावनात्मक दांव ने कांग्रेस का 'हाथ' ही छत्ते में डाल दिया है। छत्ता बनाम भारत मां की बहस गरमाने के बाद पूरी कांग्रेस मोदी पर टूट पड़ी है। मोदी की समझ पर सवाल उठाने से लेकर कांग्रेस मधुमक्खी को देवी बताकर भाजपा के स्वाधीनता आंदोलन में योगदान तक पर सवाल उठा रही है। 'मधुमक्खी का छत्ता बनाम भारत मां' या 'राहुल बनाम मोदी' विवाद से फिलहाल देश का सियासी तापमान चुनावी माहौल की तरह गरमा गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर शनिवार को अहमदाबाद से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रहार किया, तो रविवार को कांग्रेस नेताओं ने पलटवार किया। भावनात्मक मुद्दों पर सियासी खेल में माहिर मोदी की काट के लिए कांग्रेस ने जहां उनकी समझ पर सवाल उठाए, वहीं मधुमक्खी को भी देवी करार दिया। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि मधुमक्खी देवी का रूप हैं। देवी के इस रूप को भ्रामरी कहते हैं और उत्तराखंड में उनका मंदिर भी है। शायद राहुल गांधी की यह बात मोदी की समझ में नहीं आई। उन्होंने छत्ते का मतलब समझाते हुए कहा कि इसका मतलब भारतीय समाज की एकता से है। उनके आपस में तामलमेल के साथ एक लक्ष्य के लिए काम करने से है। ये बातें उन लोगों के सिर के ऊपर से गुजर गई, जो अंधराष्ट्रभक्त होने का दावा करते हैं। संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस को भाजपा से देशभक्ति का पाठ सीखने की जरूरत नहीं। शुक्ला ने कहा, 'वह किस बारे में बात कर रहे हैं। पहले उन्हें समझना चाहिए कि भारत माता के लिए बलिदान कैसे दिया जाता है। अभी तक देश के लिए किसी भाजपा नेता ने बलिदान नहीं दिया। मोदी उन्हें पाठ सिखा रहे हैं जिनके पिता और दादी ने देश के लिए जान दे दी।' केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि मोदी केंद्रीय राजनीति में आना चाहते हैं, लेकिन लगते हैं लोकल दादा की तरह। भाजपा ने इस मामले में मोदी की ही लाइन बढ़ाई है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'भारत हमारे लिए मां है और इसमें किसी की आपत्ति समझ से परे है।' कांग्रेस में भी अगले प्रधानमंत्री को लेकर बहस थमने का नाम नहीं ले रही। भले ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव व मीडिया विभाग के अध्यक्ष जनार्दन द्विवेदी ने प्रधानमंत्री पद की बहस को बेमानी करार दिया हो, लेकिन पार्टी नेता खुद ही इस बहस को आगे बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के बाद अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने राहुल को पीएम बनाने की पैरवी की है। उन्होंने कहा, 'अंतिम निर्णय खुद राहुल गांधी और वरिष्ठ नेताओं को लेना है, लेकिन मैं समझती हूं कि राहुल को ही पीएम बनना चाहिए।' (साभार, डीजे)
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