नई दिल्ली। बिहार के सूचना व जनसंपर्क मंत्री वृशिण पटेल ने कहा है कि जदयू-भाजपा गठबंधन में अब कोई दम नहीं है। उन्होंने हाजीपुर में कहा कि इस गठबंधन में कुछ भी नहीं बचा है, उम्मीद का दौर भी खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि इससे बिहार सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर कोई असर पड़ेगा भी जदयू इसे झेलने को तैयार है। पटेल ने कहा कि गठबंधन मुद्दों के आधार पर बनते और टूटते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो बात कह दी है, पूरी पार्टी उनके साथ है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो रेखा खींच दी है, उसके अर्थ बहुत स्पष्ट हैं। उन्होंने स्पष्ट कह दिया है कि हमें वही नेता स्वीकार होगा जो धर्मनिरपेक्ष हो और सबको साथ लेकर चले। मंत्री ने एक कदम आगे बढ़ते हुए यहां तक कह दिया कि अब जदयू मोदी क्या, लालकृष्ण आडवाणी और दूसरे भाजपा नेताओं पर विचार करने को भी तैयार नहीं है। अब बात खत्म हो चुकी है। अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा, यह बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। बीजेपी की पुरानी सहयोगी शिवसेना ने भी राजनाथ सिंह और उनकी टीम के सामने बड़ी मुश्किल पेश कर दी है। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एक लेख में राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज से पूछा है कि बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन है? लेख के मुताबिक, 'बीजेपी का एक गुट नरेंद्र मोदी के नाम ले रहा तो हंगामा हो रहा है। क्या नरेंद्र मोदी बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं? उधर, जेडीयू की तरफ से दिनेश ठाकुर ने कहा है कि अगर कोई दो-दो हाथ करना चाहता है तो वह मैदान में आ सकता है। सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है कि राजनाथ सिंह ने बीजेपी की बिहार ईकाई के नेताओं से कहा है कि वे दिसंबर तक इंतजार करें और तब तक बयानबाजी से बचें। लेकिन इस मुद्दे पर तेजी से बदल रहे हालात के मद्देनजर कभी भी दोनों पार्टियों की 17 साल पुरानी 'दोस्ती' टूट सकती है। (साभार)
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