महराजगंज, एनएफए। जिला पंचायत महराजगंज इन दिनों अपने अपर मुख्य अधिकारी अशोक कुमार मद्धेशिया को लेकर सुर्खियों में है। जो खबरें छन कर आ रही हैं उसके मुताबिक अपर मुख्य अधिकारी ने अपने एक रिश्तेदार को लाभ पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपए का ठेका दे दिया है। 14 अप्रैल को अपर मुख्य अधिकारी ने एक टेंडर निकाला है जिसमें बड़े पैमाने पर गोलमाल की बात सामने आ रही है। अपर मुख्य अधिकारी के करतूतों से आजिज जिला पंचायत सदस्यों ने बोर्ड की बैठक में भ्रष्टाचार की परतों उघेड़ कर कर मीडिया को मसाला दे दिया है। जिला पंचायत अध्यक्ष धर्मा देवी, मुख्य विकास अधिकारी सूर्यलाल सिंह, डीआरडीए के परियोजना निदेशक भानू प्रताप सिंह, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी गिरीश सिंह, अपर मुख्य अधिकारी आदि जिला स्तरीय अधिकारियों के सामने हंगामा के बाद सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। इससे आगामी जिला योजना वर्ष 2013-14 के योजनाओं की मंजूरी, बीआरजीएफ की कार्ययोजना एवं राज्य वित्त आयोग के अनुदान से कराए जाने वाले कार्यों की स्वीकृति नहीं मिल पाई। जिला पंचायत सदस्य संघ के अध्यक्ष पारस नाथ यादव एवं काशीनाथ सिंह ने बताया कि अपर मुख्य अधिकारी द्वारा जो टेंडर प्रकाशित कराया गया है उसमें तथ्यों को जानबूझ कर छिपाया गया है। किन-किन योजनाओं में कितना धन प्राप्त हुआ है, सदस्य इससे अनभिज्ञ हैं। टेंडर में प्रकाशित कार्यक्रम संख्या 01 से 101 तक के कार्यों को किन-किन योजनाओं में स्वीकृति है, सदस्यों को पता ही नहीं। इतना ही नहीं सदस्यों ने अपर मुख्य अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बोर्ड की मंजूरी के बिना ही प्रस्ताव शासन को भेज दिया तथा उसका टेंडर भी निकाल दिया। अपर मुख्य अधिकारी द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों के क्षेत्र में पचास लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक का कार्य दे दिया जा रहा है। सदस्य जिला पंचायत के उस टेंडर पर बेहद नाराज दिखे जिसमें राज्य वित्त, तेरहवां वित्त एवं बीआरजीएफ द्वारा कराए जाने वाले सभी कार्यों को डाल दिया गया है। सदस्यों का कहना है कि इस टेंडर से धांधली की बू आ रही है। टेंडर देख यह पता ही नहीं चल रहा है कि किस योजना का कितना मद शासन से रिलीज हुआ है।
(मनोज त्रिपाठी)
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