शामली। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा में स्थानीय स्तर पर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। जिला कार्यकारिणी की घोषणा के हफ्ते भर के भीतर विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं। नवगठित जिला कार्यकारिणी में एक ओर जहां कुछ जूनियर को खुश करने के प्रयास में जहां सीनियर के पर कतरे गए हैं, वहीं पद न मिलने से पार्टी में अंतर्कलह भी बढ़ी हैं। नाराजगी के चलते दो पदाधिकारियों ने इस्तीफे तक दे दिए हैं। जबकि तीसरे ने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए तीन माह के अवकाश पर जाने के लिए जिलाध्यक्ष को पत्र लिखा है।
जिलाध्यक्ष डा.रामजीलाल कश्यप ने नौ अप्रैल को जिला कार्यकारिणी की घोषणा की थी। आरंभ से ही उनकी कार्यप्रणाली एवं कार्यकारिणी पर अंगुलियां उठती रही हैं। इसे लेकर कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में असंतोष पनपा, जो अब सतह पर आ चुका है। पार्टी से जो खबरें छनकर आई उसके मुताबिक जो लोग कभी पार्टी के कार्यक्रमों में नहीं सक्रिय नहीं रहे उनको पद दिया गया। इसके लिए उपाध्यक्ष बनाए गए सतेंद्र तोमर का उदाहरण दिया जा रहा है। वहीं क्षेत्रीय मंत्री तेजेंद्र निर्वाल के प्रभाव के चलते नगर पालिका परिषद कांधला के चेयरमैन पद के चुनाव में महज छह सौ वोट लेने वाले तरुण गुप्ता को महामंत्री जैसा महत्वपूर्ण ओहदा दे दिया गया। जबकि जिलाध्यक्ष अंतिम समय तक सूर्यवीर निर्वाल को महामंत्री पद का लॉलीपॉप थमाए रहे। पिछले कई वर्षों से जी तोड़ मेहनत कर रहे सूर्यवीर को किनारे करने की साजिश की बू भी साफ झलक रही है, क्योंकि महामंत्री पद पर दूसरे जाट राजकुमार चौहान को तरजीह मिली है। इससे नाराज सूर्यवीर निर्वाल ने विशेष आमंत्रित सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया। कार्यकारिणी में महिला-पुरुषों में कई पदाधिकारी ऐसे भी बताए गए हैं, जो आज तक पार्टी के प्राथमिक सदस्य तक नहीं बन पाए हैं। कुछ को पहली ही बार में पद से नवाज दिया गया है।
जिला कार्यकारिणी में पदों की बंदरबाट के बाद मची हलचल का असर यही तक सीमिति नहीं रहा। बल्कि कोषाध्यक्ष पद हासिल करने वाले पूर्व नगर अध्यक्ष नरेश बंसल ने भी पदावनत होने से इस्तीफा दे दिया है। जबकि नगर अध्यक्ष डा.विपिन कौशिक पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए तीन माह के राजनीतिक अवकाश पर चले गए हैं। उधर, पिछली कार्यकारिणी में महामंत्री के पद पर रह चुके डा.मनोज शर्मा को कम महत्वपूर्ण मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी दे दी गई जबकि उनसे काफी सीनियर मोहित जैन को सह मीडिया प्रभारी बनाया गया। लोग चटखारे ले रहे है कि शर्माजी अब प्रेस विज्ञप्ति लिखेंगे और जैन साहब समाचार पत्रों के कार्यालय में पहुंचाएंगे। इसलिए यह बात भी कुछ लोगों को पच नहीं रही है। कुछ लोग जिला कार्यकारिणी को अव्यावहारिक बता रहे हैं। इनका कहना है कि तीनों महामंत्री शहर से बाहर के हैं। इनमें तरुण अग्रवाल कांधला, राजकुमार चौधरी ऊंचा गांव तथा पंकज राणा थानाभवन से हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, असंतोष का स्वर दबाने के लिए सोमवार को पार्टी कार्यालय पर कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन 32 पदाधिकारियों में से महज 8 ही पहुंच पाए। फिलहाल भाजपा में पदों की बंदरबाट के बाद उठा तूफान शांत होता दिखाई नहीं दे रहा है। अगर यह कुछ और दिन यूं ही धधकता रहा तो इसका प्रभाव लोकसभा चुनाव की तैयारियां पर पड़ना स्वाभाविक है। बता दें, मुजफ्फरनगर में नगर कार्यकारिणी को विवाद के चलते पहले ही निरस्त किया जा चुका है। उधर, इस संदर्भ में जिलाध्यक्ष डा.रामजीला कश्यप कहते हैं कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। जिसे मिल बैठकर सुलझा लिया जाएगा। किसी पदाधिकारी ने इस्तीफा नहीं दिया है। सूर्यवीर निर्वाल ने कहा कि मेरा नाम महामंत्री पद के लिए गया था। अंतिम सूची में नाम शामिल भी था। लिस्ट आने के बाद पता चला कि मेरा नाम सूची में नहीं है। इससे पूर्व जिलाध्यक्ष तीन माह से मेरे से बतौर महामंत्री मीटिंग कॉल कराते आ रहे थे। तेजेन्द्र निर्वाल का कहना है कि किसी को पद दिलाने और किसी को किनारे करने में मेरी कोई भूमिका नहीं है। जिनके पास पद नहीं है, वे पार्टी के कार्यकर्ता हैं। इसलिए वे भाजपा के बारे में सोचें।
(राजपाल पारवा)
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