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बच्चों को भी है बोलने का मौलिक अधिकारः दंडाधिकारी

जिंदगी लाइब्रेरी और बुक बैंक का स्कूली बच्चों ने किया भम्रण  
गोपालगंज। जादोपुर दुखहरण स्थित जिंदगी लाइब्रेरी व बुक बैंक का शुक्रवार को स्कूली बच्चों ने भ्रमण किया। सदर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित इस लाइब्रेरी में बचपन स्कूल के बच्चों ने ढेरों सारी मनोरंजक और ज्ञानवर्धक किताबों का आंनद लिया। इस दौरान बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य सह पीठ न्यायिक दंडाधिकारी अली इमाम ने बच्चों, ग्रामीणों और शिक्षकों को बाल अधिकार और बाल कल्याण की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों को भी बोलने का मौलिक अधिकार है। बच्चों के जो तमाम अधिकार है, उसमें सबसे महत्वपूर्ण अधिकार उनकी सवांद और अपनी बात रखने का है। उन्हें बोलने से रोका जाना नहीं चाहिए। वहीं माता-पिता को भी बच्चों की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए। उन्होंने बच्चों को जागरुक करते हुए कहा कि अगर कोई अनजान आपको खाने-पीने की चीज देता है तो बिना माता-पिता से पूछे नहीं लेना चाहिए। अगर कोई ऐसा करता है तो माता-पिता एवं शिक्षक से जरुर बताना चाहिए। इस अवसर पर गोपालगंज प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के सचिव कुंज बिहारी श्रीवास्तव ने बच्चों एवं ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि किताबों से मित्रता करें। इससे बड़ा कोई मित्र नहीं होता जो आपको सही राह बताए। यह आपको सही रास्ते पर ले जा सकता है। वहीं जिंदगी फाउंडेशन के संयोजक जय प्रकाश ने बच्चों को किताबों के महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि आप अपने स्कूल में या घर में बुक बैंक बना सकते हैं और दूसरों की मदद कर सकते हैं। पुरानी किताबों का उपयोग कई बार हो सकता है। दूसरे की जरुरत पूरा होने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी हो सकती है। क्योंकि किताब तो पेड़ कटने से ही तैयार होता है। इस अवसर पर बचपन स्कूल के निदेशक राजीव रंजन, जिंदगी फाउंडेशन के अश्विनी गर्ग, लाइब्रेरी प्रमुख बिजेंद्र कुमार, प्रताप कुमार, शिक्षिका स्वीटी कुमारी, अंजली कुमारी, अनामिका कुमारी, सुप्रिया, उर्मिला कुमारी, आदि मौजूद थे।
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