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एलीफेन्ट परिवार के लिए धनराशि इकट्ठा करने को पुनित व पुनम फिर राजस्थान रेस में पहुंचे

स्काटलेन्ड के सफल निर्यात व्यवसायी कपल पुनित व पुनम राजपरिवारों के अनेको सदस्यों को ग्रामीण भारत के जंगलों में उन्मादी और क्रेजी रोमांचक आयोजन ट्रेवल्स टु माय एलीफेन्ट में दूसरी बार हिस्सा लेने के लिए तैयार कर रहे हैं। पुरस्कार प्राप्त कम्पनी पी.जी. पेपर कम्पनी लि. के मालिक पुनित और पुनम गुप्ता इस उत्साही रेस में 50 तीन पहिया गुजराती छगड़ा, रायल एनफील्ड व साइड कार के साथ हिस्सा ले रहे है इस बेड़े पर चमकीले रंगों से हाथी को पेन्ट किया गया है। यह रेस राजस्थान के 800 किलोमीटर के क्षेत्रों में परेड करेगी। यह सब लुप्त प्रायः जंगली जानवरों की रक्षा व उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा के लिए धन जुटाने के साथ पूरे भारत के पांच लाख परिवारों की जिन्दगी पर सकारात्मक प्रभाव लाने के लिए किया जा रहा है। दुनिया के सबसे करिश्माई साहसी और दिवंगत महान र्माक शान्द की बेस्ट सेलींग पुस्तक ट्रेवल आन माय एलीफेन्ट में तारा हाथी एक स्टार है और यही इस यात्रा की प्रेरणा भी है। हमारा उद्देश्य है कि हम इस आयोजन से एक मीलियन डालर धन जुटा सके ताकि पूरे भारत में हाथियों की बड़ी व शक्तिशाली तस्वीर प्रस्तुत करके उनके लिए 101 काॅरिडोर सुरक्षित करवा सकें। हाथी जंगल के बीच में रास्ता साफ करने वाले सबसे बड़े व बुद्धिमान प्राणी है। पर दुःख की बात है कि तेजी से बढ़ती भीड़ वाली दुनिया में यह लुप्तप्राय प्राणी अपने अस्तित्व व सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है। वर्ष 2015 के प्रयासों से असम व उत्तरपूर्वी भारत के चार काॅरिडोर की स्थायी सुरक्षा में सुधार हो सका और दो पूरे गांवों को इन हाथियों के प्रवासी मार्ग से हटाकर सुरक्षित घरो व खेतों के साथ अन्यत्र स्थानान्तरित किया गया। यह एशिया के हाथियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा व दमदार काम साबित हुआ। समय निकल जाए इसके पूर्व ही हम अन्य काॅरिडोर की सुरक्षा के लिए किए जा रहे कार्यो की गति बढ़ानों को उत्सुक हैं। पुनम ने बताया कि पुनित और में हम दोनो ट्रेवल्स दु माय एलीफेन्ट आयोजन में दूसरी बार हिस्सा लेने के लिए बहुत उत्साहित है और इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए पिछले वर्षों से अधिक सर्पोट प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। 2015 में आयोजित रेस शुरु से अंत तक बहुत शानदार व विनम्र रही। मुझे पता है कि इस आयोजन से प्राप्त होने वाला एक-एक पैसा हाथी परिवार की सुरक्षा के कार्यों में व्यय होगा और लाखों लोग इससे प्रभावित होंगे, इसलिए हमारा, लक्ष्य है कि हम पिछले आयोजन से इस वर्ष के आयोजन में अधिक धन राशी एकत्रित कर सकें। पराग का कहना है कि यह कार्य मेरे दिल के बहुत करीब है इसके बहुत सारे कारण हैं। एक जिम्मेदार मानव होने के नाते पृथ्वी की रक्षा करने के साथ ही हमारे साथ पृथ्वी पर रहने वाले अन्य प्राणियों की सहायता व सुरक्षा करना हमारा दायित्व है। प्रकृति के संतुलन के लिए हाथियों की सुरक्षा करना जरुरी है। मुझे गर्व है कि में इस रेस का हिस्सा हूं। हम इस रेस के द्वारा अपने इस उद्देश्य को पुरा करने के लिए फंड इकट्ठा करेंगे व लोगों को जागरुक करने का हर संभव प्रयास करेंगे। एशियन हाथी दुनिया की सबसे शानदार प्रजाति है जो खतरे में हैं हाथियों के प्राकृतिक आवास को होने वाली हानी के परिणाम स्वरुप पिछले 100 वर्षों में 90 प्रतिशत की कमी होने से हाथियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। यहां भी एक मानव त्रासदी का खुलासा हुआ है। हाथियों को आगे नए आवास खोजने के लिए मजबुर किया जा रहा हैं और ऐसा करने से हाथी और मानव के बीच संघर्ष की स्थिती निर्मीत हो जाती है और दोनो पक्षों में कई मौते हो जाती है। इस आयोजन से प्राप्त धन राशी का उपयोग हाथियों के आवास को संरक्षित करने में किया जाएगा और इसके बदले में स्थानीय लोगों का सर्मथन और अतिक्रमण को खत्म करने में सहायता मिलेगी। यह रेस किसी भी तरह से व्यायाम नहीं है और स्पीड इस दौड को जीतने का तरिका नहीं हैं। यह चपलता बुद्धि और चरित्र का परिक्षण हैं। इस चेरीटी के ज्वाइंट प्रेसीडेन्ट महाराजा प्रीन्स आफ वेल्स और डचेस आॅफ कार्नवाल हैं।
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