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यस बैंक को 1,003 करोड़ रूपए का मुनाफा, एनपीए बढ़ा

मुंबई। यस बैंक ने कहा कि उसने भारतीय रिजर्व बैंक के आडिट में उठाए गए गैर-निष्पादन परिसंपत्तियों (एनपीए) के मामले को सुलझा लिया है। इस आडिट में यह दर्शाया गया था कि बैंक ने वर्ष 2016-17 के लिए अपने एनपीए को 6,355 रूपए अंडर-रिपोर्ट किया था। बैंक ने कहा कि उसने परिसम्पत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी)के विक्रय को उन्नत किया है तथा कभी न चुकने वाले वसूली ऋणों का प्रतिरोध करने के लिए पर्याप्त प्रावधानों को एक ओर रख कर खातों को डाउनग्रेड कर दिया है। बीएसई मे यस बैक के शेयर 1.24 प्रतिशत चढकर 331.70 रूपए पर बंद हुए। एक एनालिस्ट काॅल मे प्रबंधतंत्र ने कहा कि बोर्ड तथा सांविधिक आडिटरों के अनुमोदन से उसने मार्च से लेकर आज तक 6,355 करोड रूपए में से लगभग 2,986 रूपए को अपग्रेड कर दिया है जबकि अन्य 1715.85 करोड रूपए का पुनर्भुगतान किया गया है इस पूल में ़ऋण के लगभग 440 करोड रूपए को एआरसी को बेच दिए गए हैं। प्रबंधतंत्र के अनुसार ऋणों को अपग्रेड तथा सेलिंग आफ करने के बाद डायवरजेंस घटकर 1,200 करोड रूपए रह गया है। उच्च अंडर रिपोर्टिग ने भी बैंक को तिमाही के दौरान अपने 443 करोड रूपए को प्रावधानों को बढाने के लिए बाध्य किया है जो कि बैंक द्वारा तिमाही के दौरान किए जाने सामान्य प्रावधानों से 250 करोड रूपए से अधिक है। 2015-16 में जब बैंक द्वारा 748.9 करोड रूपए के सकल एनपीए की रिपोर्ट दिए जाने पर आरबीआई ने 4,925.6 करोड रूपए के ऋणों को रेड-फ्लेग्ड कर दिया था तब रिपोर्ट किए गए डायवरजेंस से 2016-17 मे रिपोर्ट किया गया डायवरजेंस ज्यादा है। कानकाल में यस बैंक के प्रबंध निदेशक राणा कपूर ने विश्लेषकों से कहा कि पिछली दो तिमाही से रेगुलेटर द्वारा उठाए गए ऋण का या तो पुनर्भुगतान हो गया है या बैंक ने उन्हें मान्य कर दिया है। आरबीआई द्वारा हमें आडिट रिपोर्ट कुछ ही दिनों पहले दिए जाने के बावजूद डायवरजेंस का सम्पूर्ण प्रभाव दूसरी तिमाही मे अवशोषित हो गया है। उजागर किए गए ऋण की 81 प्रतिशत राशि का या तो पुनर्भुगतान हो गया है या निपटा दिया गया है या बेच दिया गया है। बैंक का सकल एनपीए दोगुना होकर 2,720.34 करोड रूपए हो गया है जो कि बैंक के सकल अग्रिम का 1.82 प्रतिशत है। इसकी तुलना में जून की तिमाही में यह 0.92 प्रतिशत तथा एक साल पहले की तिमाही में यह 0.39 प्रतिशत था। पर्याप्त डायवरजेंस तथा एनपीए मे वृद्धि के बावजूद अग्रिमों में मजबूत वृद्धि तथा अन्य आय एवं शुद्ध ब्याज आय के चलते यस बैंक ने 25.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,003 करोड रूपए का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है। यह पहला मौका है जब बैंक अपने 12 साल के अस्तित्व में चार अंकीय शुद्ध मुनाफा रिपोर्ट कर रहा है। फिर भी, परिसम्पत्ति की गुणवत्ता बैंक को लगातार परेशान कर रही है। लाभ में उच्च वृद्धि ने बैंक को एनपीए के लिए प्रावधानों को बढाने में मदद की है। रिटेल और कार्पोरेट अग्रिमों में ठोस वृद्धि के चलते बैंक का सकल अग्रिम 34.9 प्रतिशत बढकर 148,675.3 करोड रूपए हो गया है। तिमाही के लिए शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) 33.5 प्रतिशत बढकर 18,885 करोड रूपए हो गई है।
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