ताज़ा ख़बर

राजस्थान में अपनी ही सरकार के खिलाफ उतरे 2 बीजेपी विधायक

जयपुर। राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ मुख्य विपक्षी कांग्रेस के साथ-साथ उनकी ही पार्टी के दो विधायकों ने भी हल्ला बोला है। बीजेपी के इन दोनों विधायकों ने विधानसभा में पेश अपराध दंड संहिता (राजस्थान संशोधन) बिल का विरोध करते हुए उसे काला कानून करार दिया है। विरोध करने वालों में पार्टी के सीनियर लीडर और वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके घनश्याम तिवाड़ी के अलावा नरपत सिंह रजवी हैं। इन दोनों विधायकों ने मीडिया से बातचीत में नए प्रस्तावित कानून को असंवैधानिक करार दिया है। इन नेताओं ने वसुंधरा राजे के कार्यकाल और इस बिल की तुलना आपातकाल से की है। तिवाड़ी ने कहा कि यह बिल मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों और कुछ मंत्रियों को बचाने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके सचिवों ने करप्शन किया है। इससे बचने के लिए पहले अध्यादेश फिर बिल लाया गया है। न्यूज 18 से बातचीत में सांगानेर से विधायक तिवाड़ी ने कहा कि यह काला कानून है जो इमरजेंसी की याद कराता है। उन्होंने कहा कि वो सदन के अंदर से लेकर बाहर तक इसकी खिलाफत करते रहेंगे। बता दें कि इस बिल के तहत जजों, मजिस्ट्रेटों और अन्य सरकारी अधिकारियों, सेवकों को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। बिल के मुताबिक सरकार की मंजूरी के बिना इनके खिलाफ न तो कोई जांच होगी न ही मीडिया में उनके खिलाफ कुछ छापा जा सकेगा। यह अपराध दंड संहिता (राजस्थान संशोधन) बिल हाल ही में लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगी। अध्यादेश का स्थान लेने जा रहे नए कानून के मुताबिक मीडिया भी 6 महीने तक किसी भी आरोपी के खिलाफ न तो कुछ दिखाएगी और न ही छापेगी, जब तक कि सरकारी एजेंसी उन आरोपों के मामले में जांच की मंजूरी न दे दे। इसका उल्लंघन करने पर दो साल की सजा हो सकती है। 6 सितंबर को जारी अध्यादेश आपराधिक कानून (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश, 2017 को बदलने के लिए सरकार राजस्थान विधान सभा में आपराधिक प्रक्रिया (राजस्थान संशोधन) विधेयक लाया है। अध्यादेश में प्रावधान है कि सरकार 180 दिनों के अंदर मामले की छानबीन करने के बाद मंजूरी देगी या उसे खारिज करेगी। अगर 180 दिनों में ऐसा नहीं करती है तो माना जाएगा कि सरकार ने जांच की मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के जरिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में धारा 156 (3) और 190 (1) को जोड़ा गया है जो एक मजिस्ट्रेट को अपराध का संज्ञान लेने और एक जांच का आदेश देने के लिए सशक्त बनाता है। साभार जनसत्ता 
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।

Item Reviewed: राजस्थान में अपनी ही सरकार के खिलाफ उतरे 2 बीजेपी विधायक Rating: 5 Reviewed By: newsforall.in