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गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस ने फिर ली 8 साल के मासूम की जान, मेडिकल कॉलेज में चल रहा था इलाज

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गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस ने एक और जान ले ली। यहां इलाज करा रहे 8 साल के मासूम की सोमवार को मौत हो गई। अस्पंताल में शनिवार से अब तक मस्तिष्क ज्वर (इंसेफेलाइटिस) से छह और बच्चों की मौत हो गयी। अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर पुष्कर आनन्द ने बताया कि गत 12 अगस्त से आज तक मस्तिष्क ज्वर की वजह से छह और बच्चों की मौत हुई है। इस अवधि में मस्तिष्क ज्वर के करीब 21 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस समय ऐसे करीब 75 रोगियों का इलाज किया जा रहा है। बहरहाल, गोरखपुर मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बरकरार है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज गोरखपुर का दौरा किया और इस त्रासद घटना के पीड़ित परिजन से मुलाकात की। अखिलेश ने दो गांवों में जाकर तीन ऐसे परिवारों से मुलाकात की, जिन्होंने अस्पताल में अपने बच्चों को खो दिया। उधर, राजधानी लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष राज बब्बर ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी। बब्बर ने कल बच्चों की मौत को ‘हत्या’ करार देते हुए कहा था कि वह इस हत्यारी सरकार से पूछना चाहते हैं कि अभी और कितने बच्चे मारे जाएंगे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को एक नोटिस जारी करके कहा है कि वह मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत से प्रभावित परिवारों को राहत दिलाने के लिये उठाये गये कदमों और घटना के दोषी लोगों के खिलाफ की गयी कार्रवाई के बारे में चार दिन के अंदर विस्तृत रिपोर्ट दें। गोरखपुर की घटना से विचलित भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र सुलतानपुर स्थित जिला अस्पताल में बाल रोग वार्ड को अत्याधुनिक बनाने के लिये अपनी निधि से पांच करोड़ रुपये देने का इरादा जाहिर किया। वरुण ने एक बयान में कहा कि गोरखपुर की घटना ने उन्हें झकझोर डाला है। इस घटना में मारे गये बच्चों की मौत एक बहुत बड़ा नुकसान है। यह घटना एक सबक की तरह ली जानी चाहिये, ताकि भविष्य में ऐसा कभी ना हो। उल्लेखनीय है कि गोरखपुर मेडिकल कालेज अस्पताल में गत सात अगस्त से अब तक 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं और मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य राजीव मिश्रा को निलम्बित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि घटना के दोषी लोगों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाएगी, जो मिसाल बनेगी। गौरतलब है कि पिछले तीन दशकों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस साल आठ अगस्त तक 124 मौतें हुई हैं। वहीं पिछले साल 641 तथा 2015 में 491 बच्चों की मौत हुई थी।
पीड़ितों से मिलने गए अखिलेश, परिजनों से बिना बात किए लौटे  
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आज गोरखपुर पहुंचे। वह यहां मृतक बच्चों के परिवार वालों से मुलाकात करने आए थे। सैकड़ों गाड़ियों और हजारों कार्यकताओं के लाव लश्कर के साथ पीड़ित के घर पहुंचे अखिलेश यादव दो शब्द भी उनसे बात नहीं कर पाये। भीड़ का आलम ये था की पूर्व मुख्यमंत्री घर मे घुसे और बाहर निकल कर लौट गए। अखिलेश यादव ने कहा की मेडिकल कालेज के मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने अगर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ी है तो उन्हें कमियों की जानकारी होगी। कफील खान के मसले पर अखिलेश ने कहा कि प्राइवेट प्रेक्टिस पर रोक है तो सभी को मानना चाहिए। छांटकर कार्रवाई गलत है। पूर्व मुख्यमंत्री बेलवार गांव में किशुन गुप्ता के घर आए थे। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक दिन में हुई 30 बच्चों की मौत को लेकर अखिलेश पहले दिन से ही योगी सरकार पर तीखे हमले कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन सप्लाई बाधिहत होने के चलते हुई है। लेकिन सरकार ने इस बात को अभी तक स्वीकार नहीं किया है। पूर्व सीएम ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग भी की थी। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालात का जायजा लिया था। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का संकल्प लिया था। सीएम योगी के जाते ही कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल और इंसेफेलाइटिस वार्ड के इंचार्ज डॉ कफील को उनके पद से हटा दिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुरू से ही योगी सरकार पर घटना से जुड़े तथ्यों को छुपाने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने सपा नेताओं के एक दल को घटना का जायजा लेने के लिए पहले ही भेज दिया था।
गोरखपुर हादसे पर बोले अमित शाह, ऐसा पहली बार नहीं हुआ 
बीजेपी अध्यक्ष और गुजरात से राज्यसभा के सांसद अमित शाह ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ का इस्तीफ़ा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के हादसे इतने बड़े देश में होते रहते हैं. शाह ने कहा, "कांग्रेस का काम है इस्तीफ़ा मांगना. इतने बड़े देश में बहुत सारे हादसे हुए, पहली बार ऐसा हादसा नहीं हुआ है." गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाने से दो दिनों में 30 से अधिक बच्चों की मौत पर कहा है कि इतने बड़े देश में हादसे होते रहते हैं और विपक्षी पार्टी इस्तीफ़ा मांगती रहती है. बैंग्लुरू में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस की तरह बिना जांच किसी पर गलती नहीं थोपती. उन्होंने कहा कि यह हादसा है, चाहे किसी भी स्तर पर हो. इससे गरीबों के लिए किए जा रहे हमारे कामों को नकार नहीं सकते. जब स्थानीय पत्रकार इमरान क़ुरैशी ने अमित शाह से पूछा कि पुर्तगाल से अफ़ग़ानिस्तान में जब लोग मरते हैं तो प्रधानमंत्री ट्वीट करते हैं लेकिन गोरखपुर के मामले में उनका ट्वीट नहीं आया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के प्रशासनिक आदेश पर शाह ने कहा, "बच्चों की मौत का दुख सभी को है. योगी जी ने यह नहीं कहा है कि बच्चों की मौत के बाद भी कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन किया जा रहा है. कृष्ण जन्माष्टमी कोई सरकारी उत्सव नहीं है. आप आपके घर में पूजा करोगे तो सरकार क्या कर सकती है?"
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