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शिथिल कांग्रेस को कितना ‘दिव्य स्पंदित’ कर पाएंगी कन्नड़ अभिनेत्री राम्या!

राजीव रंजन तिवारी 
कांग्रेस में लंबे समय से प्रतीक्षित संगठन के बदलाव की शुरुआत हो गई है। इसी के तहत हाल ही मंर कांग्रेस हाईकमान ने दीपेंदर सिंह हुड्डा की जगह कर्नाटक की पूर्व सांसद व चर्चित कन्नड़ ऐक्ट्रेस राम्या उर्फ दिव्य स्पंदन को सोशल मीडिया टीम का प्रमुख बनाया है। राम्या ने नई जिम्मेदारी संभालते हुए सोशल मीडिया के ऑफिस में बैठना शुरू कर दिया है। बताते हैं कि टीम राहुल की सलाह पर पार्टी को सोशल मीडिया में ज्यादा आक्रामक बनाने के लिए यह बदलाव हुआ है। राम्या की टीम कांग्रेस की अधिकारिक वेबसाइट, ट्विटर, फेसबुक जैसे अकाउंट को हैंडिल करेगी। राम्या की टीम में करीब 40 लोग हैं, जो उन्हें सहयोग करेंगे। इससे पहले पिछले दिनों जिस तरह गुजरात का प्रभार गुरदास कामत से लेकर अशोक गहलोत को दिया गया था, उसी तरह दिग्विजय सिंह से गोवा और कनार्टक का प्रभार लेकर क्रमश: चेला कुमार और केसी वेणुकुमार को दे दिया गया। इसी से आभास होने लगा कि कांग्रेस में आंतरिक बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी क्रम में कांग्रेस के महासचिव मधुसूदन मिस्त्री को पार्टी के महासचिव पद से हटाकर कांग्रेस संगठन चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया। पार्टी में अन्य बदलावों की अपेक्षा राम्या को सोशल मीडिया का प्रमुख बनाए जाने पर पार्टी के भीतर और बाहर जबर्दस्त शोर है। इसकी वजह राम्या की अक्रामकता है। बावजूद इसके दिग्गज कांग्रेस दबी जुबान यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या राम्या अपने नाम (दिव्य स्पंदन) के अनुरूप सांगठनिक रूप से शिथिल कांग्रेस को सोशल मीडिया के सहारे दिव्य स्पंदित कर पाएंगीं? अगस्त 2016 में राम्या उस वक्त जबर्दस्त चर्चा में आई थीं जब उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान कोई नर्क नहीं है। राम्या के इस बयान के बाद उनके खिलाफ़ एक वकील ने अदालत में कथित तौर पर देशद्रोह की शिकायत करा दी थी। दरअसल, तत्कालीन केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के पाकिस्तान पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राम्या ने अपनी टिप्पणी थी दी। पर्रिकर ने कहा था कि पाकिस्तान में जाना और नर्क में जाना एक जैसा है। इसी पर राम्या ने कहा था कि पाकिस्तान नर्क नहीं है। मनोहर पर्रिकर ने जो कहा था वह वैसा नहीं है। इसी बयान पर अपने खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कराए जाने पर राम्या ने कहा था कि ये बहुत दुखद है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर देशद्रोह की तलवार लटका दी जा रही है। अफसोसजनक है कि इस कानून का बेजा इस्तेमाल हो रहा है। व्यक्तिगत तौर पर मैं अभिव्यक्ति की आजादी की पक्षधर हूं। लेकिन भाजपा सरकार उस अधिकार को छीन लेना चाहती है। राम्या के खिलाफ कथित तौर पर देशद्रोह की शिकायत होने के बाद सोशल मीडिया पर भारी संख्या में लोग उनके समर्थन में उतरे थे। एकाध लोगों ने विरोध भी किया था, लेकिन समर्थकों की संख्या ज्यादा थी। मशहूर पोलिटिकल कमन्टेटर और विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने ट्वीट किया था कि राम्या के खिलाफ देशद्रोह की शिकायत पर हतप्रभ हूं। वो सही कह रही हैं। मैं तो ये कहूंगा कि पाकिस्तान को नर्क कहने वाले पर्रिकर मूर्ख हैं। इसी तरह मैंगो ब्वाय ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि पाकिस्तान एक अच्छा मेजबान है, ऐसा कहने पर देशद्रोह का आरोप? फिर तो मोदी को फांसी दे देनी चाहिए क्योंकि वो नवाज शरीफ के जन्मदिन में गए थे और उन्होंने साड़ी भी गिफ्ट की थी। उल्लेखनीय है कि देशद्रोह की मुकदमा झेलने वाली राम्या ने वर्ष 2003 में फिल्म ‘अभी’ से करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कई कन्नड़ और तमिल फिल्मों में काम किया है। आपको बता दें कि राजनीति में आने के बाद भी राम्या फिल्मों में भी काम कर रही हैं। 2016 में उनकी आखिरी फिल्म 'नागाराहावू' रिलीज हुई थी। एक समय अभिनय के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ने वाली राम्या साल 2012 में कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरूआत कीं। 2013 में कनार्टक में लोकसभा उप-चुनाव जीत कर सांसद भी बनी लेकिन 2014 का लोकसभा चुनाव में हार गईं। राम्या अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में रहती हैं। पाकिस्तान नर्क नहीं है, वाला बयान उन्होंने पिछले साल मैसूर की एक रैली में दिया था। तब राम्या ने कहा था कि वहां भी हमारे जैसे लोग रहते हैं। इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था। बाद में राम्या ने अपने बयान पर माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था। वहीं जेडी (एस) के विधायक रहे एम. श्रीनिवास ने राम्या की जाति को लेकर कमेंट किया था तब जवाब में राम्या ने कहा कि वह एक टेस्ट ट्यूब बेबी है और कांग्रेस पार्टी की बेटी हैं। राजनीति के जानकार मानते हैं कि राम्या की निडर और अक्रामक शैली कांग्रेस के लिए वरदान साबित होगी। बशर्ते दिग्गज व घाघ कांग्रेसी अपनी गंदी सियासत के लपेटे में लेकर राम्या के खिलाफ अंदरखाने अभियान न छेड़ दें। पर अफसोस कि कांग्रेस की आंतरिक टांग-खिंचाई वाली राजनीति न तो पार्टी को आगे बढ़ने दे रही है और न ही किसी नेता को। बावजूद इसके पार्टी के भीतर आजकल जो बदलाव की बयार बह रही है वह इसी तरह चलती रही तो बेशक वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी। इसके लिए पार्टी हाईकमान को संजीदा रहना होगा कि राम्या जैसे लोगों को फ्रीहैंड काम करने दिया जाए और टांग-खिंचाई की राजनीति करने वालों का समय-समय पर इलाज भी हो। राम्या कर्नाटक से संसद पहुंचने वाली पहली अभिनेत्री हैं। कन्नड़ फिल्मों में कई बेहतरीन फिल्में देने वालीं राम्या को कन्नड़ सिनेमा में ‘गोल्डेल गर्ल’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने तमिल और तेलुगु की भी कुछ फिल्मों में काम किया है। नवंबर 1982 में पैदा हुई राम्या को कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में शोहरत मिली और उन्होंने मुकाम बनाया। उन्होंने साल 2003 में कन्नड़ फिल्म ‘अभी’ से पर्दे पर डेब्यू किया था। राम्या ने साल 2011 में बेंगलोर में यूथ कांग्रेस का हाथ थामा और विधानसभा चुनाव में खूब प्रचार किया। पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को हराते हुए सत्ता में वापसी की। राम्या ने जब मांड्या उपचुनाव में नामांकन दाखिल किया तो उनके साथ विपदा भी आई। उनके पालने वाले पिता आरटी नायायण की मौत हो गई। वो 77 साल के थे और मशहूर उद्योगपति थे। राम्या जब पांच साल की थीं तभी से आरटी नारायण ने उन्हें पाल-पोषकर बड़ा किया था। राम्या को कन्नड़ सिनेमा में ‘गोल्डेल गर्ल’ के नाम से जाना जाता है। 34 साल की राम्या के जैविक पिता कौन हैं, उन्होंने कभी इस पर बात नहीं की और न ही वो उनके बारे में ज्यादा जानती हैं। जब उन्होंने 2013 के उप चुनाव में नामांकन किया तो उन्होंने नॉमिनेशन पेपर में पिता के नाम का कॉलम खाली छोड़ दिया था। तब जेडीएस के नेता एम श्रीनिवास ने उनके पितृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस ने ऐसे उम्मीदवार खड़े किए हैं जिसे अपने पिता का भी नाम नहीं मालूम। उन्होंने कहा था कि वह कांग्रेस की एक टेस्ट ट्यूब बेबी है। हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान के लिए माफी मांगी थी। बहरहाल, कांग्रेस में बदलाव की बयार बह रही है। समझा जा रहा है कि कि धीरे-धीरे पार्टी में उन सभी कमजोर कड़ियों को बदल दिया जाएगा, जिनकी वजह से पार्टी की दुर्दशा हो रही है और उसे लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। किसी को भी बदले जाने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कि दिग्विजय सिंह और मधुसूदन मिस्त्री जैसे दिग्गज बदले जा सकते हैं तो बाकियों की क्या बिसात? बहरहाल, देखना है कि पार्टी की सेहत सुधारने के लिए कांग्रेस हाईकमान कौन-कौन से कदम उठाता है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं, इनसे फोन नम्बर 08922002003 पर संपर्क किया जा सकता है)
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