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नोटबंदी पर विपक्ष के आगे झुकी मोदी सरकार, सदन में पीएम के बयान दिलाने पर राजी

नई दिल्ली। नोटबंदी के चलते आम लोगों को हो रही दिक्कतों को लेकर समूचा विपक्ष आज 'जन आक्रोश दिवस' मना रहा है। विपक्षी दल मोदी सरकार को बड़े पैमाने पर सड़क पर घेरने में जुटी है तो वहीं आज संसद में भी इसका असर दिखाई दिया। संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद लोकसभा में कांग्रेस ने पीएम से सदन में आकर बयान देने की मांग की। वहीं सरकार ने भी जवाब दिया कि वो चर्चा के लिए तैयार है। लोकसभा में पीएम के बयान की मांग को लेकर सरकार की ओर से राजनाथ सिंह ने कहा कि हम पहले दिन से ही चर्चा के लिए तैयार हैं। सरकार का ये फैसला ऐतिहासिक है। हम पूरी तरह से इस पर बहस करने को तैयार हैं। विपक्ष को भी सुनने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी इस पर बयान देने को तैयार हैं। स्पीकर तय करें कि किस नियम के तहत पीएम से चर्चा कराई जाए। लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नियमों के तहत चर्चा कराने की मांग। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की वजह से पूरे देश में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है। एक हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। उन्होंने मांग की कि पीएम मोदी सदन में आकर बयान दें। वहीं केंद्रीय नेता सदानंद गौड़ा का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा कि जब अस्पताल ने मंत्री से पुराने नोट नहीं लिए और उन्हें चेक देना पड़ा, तो जरा सोचिए आम लोगों की कौन सुनेगा। उन्हें कितनी परेशानी उठानी पड़ेगी। उन्होंने साफ कहा कि जब तक प्रधानमंत्री सदन में आकर बयान नहीं देते हैं तब तक सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकती। नोटबंदी के खिलाफ सांसदों के प्रदर्शन का नेतृत्व खुद राहुल गांधी कर रहे थे। सांसदों ने 'जनता का पैसा जनता को दो' 'विकास का पैसा विकास दो' के नारे लगा रहे थे। इस प्रदर्शन में कांग्रेस समेत डीएमके, सीपीएम और राजद के सांसद शामिल हुए। लोकसभा में नोटबंदी को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने आज लगातार आठवें दिन भारी हंगामा किया जिसके कारण अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और कागज पर नारे लिखकर शोर शराबा करने लगे। अध्यक्ष ने सदस्यों को कागज नहीं दिखाने का आग्रह किया लेकिन सदस्य लगातार पेपर दिखाते हुए 'मोदी तुम्हारी मन की बात, गरीबों के पेट पर लात, जनता का पैसा जनता को दो, किसान का पैसा किसान को दो, मजदूर का पैसा मजदूर को दो' जैसे नारे लगाते रहे। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, जनता दल-यू, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर हंगामा करते रहे। महाजन ने उन्हें बार बार आगह किया कि कागज दिखाना नियम के विरुद्ध है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के एक सदस्य का नाम लेकर उन्हें कागज नहीं दिखाने के लिए आग्रह किया लेकिन सदस्यों का हंगामा बढ़ता गया और करीब बीस मिनट बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। संसद में आज की रणनीति को लेकर चर्चा के लिए विपक्ष ने एक बैठक बुलाई। इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी और वाम दल समेत कई और पार्टियां शामिल हुईं। बैठक के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार पर हमला बोलेत हुए कहा कि सरकार कह रही है कि विपक्ष ने भारत बंद का आह्वान किया है, जबकि असल में पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले से ये पहले ही हो चुका है। बता दें कि राज्यसभा में 16 नवंबर को नोटबंदी पर चर्चा शुरु हुई थी जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। वहीं सीपीएम सांसद सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी पर विशेषाधिकार हनन आरोप लगाते हुए नोटिस दिया है। इसमें कहा गया है कि पीएम सदन में आते नहीं है और सदन के बाहर नोटबंदी के मुद्दे पर लगातार बात कर रहे है जो कि सदन की अवमानना है। इस नोटिस पर राज्यसभा के सभापति अपना फैसला सुना सकते हैं।
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