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केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- राज्यों को अलग मेडिकल प्रवेश परीक्षा कराने दें

नई दिल्ली। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार के आदेश में संशोधन की मांग करते हुए आज शीर्ष अदालत से कहा कि वह राज्य सरकारों और निजी कॉलेजों को अकादमिक वर्ष 2016-17 के एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दे। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति ए आर दवे और न्यायमूर्ति ए के गोयल की पीठ के समक्ष इस संदर्भ में याचिका का जिक्र किया। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा जारी आदेश में एमबीबीएस, बीडीएस और परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के जरिए द्विचरणीय एकल संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन एक मई और 24 जुलाई को करने की अनुमति दी गई थी लेकिन इसमें कुछ स्वाभाविक मुश्किलें पेश आ रही हैं और आदेश में कुछ बदलाव किए जाने की जरूरत है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार के आदेश में संशोधन की मांग करते हुए आज शीर्ष अदालत से कहा कि वह राज्य सरकारों और निजी कॉलेजों को अकादमिक वर्ष 2016-17 के एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों के लिए अलग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दे। उन्होंने कहा कि एनईईटी के पहले चरण की एक मई को होने वाली परीक्षा को रद्द किया जाए और सभी छात्रों को 24 जुलाई को परीक्षाएं देने दी जाएं। रोहतगी ने कहा कि कल के आदेश में संशोधन की जरूरत है क्योंकि इससे बहुत उलझन पैदा हो रही है। पीठ इस मामले पर त्वरित सुनवाई के लिए राजी हो गई। आज दिन में वही पीठ इस पर सुनवाई कर सकती है, जिसने कल आदेश जारी किया था।
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