ताज़ा ख़बर

जेटली ने पूछा, देशद्रोह 'फ़्री स्पीच' कैसे?

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में जेएनयू प्रकरण पर बहस का जवाब देते हुए कहा कि देशद्रोह 'फ़्री स्पीच' कैसे हो सकती है? अरुण जेटली ने कहा, "नफ़रत फैलाने वाला भाषण क्या कभी फ्री स्पीच हो सकता है?" उन्होंने कहा कि जेएनयू परिसर संप्रभु क्षेत्र नहीं है जहाँ पुलिस दाख़िल नहीं हो सकती है। राज्यसभा में जेएनयू प्रकरण पर चल रही बहस के दौरान विपक्ष के उठाए मुद्दों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "यदि (जेएनयू में) भारतीय दंड संहिता का उल्लंघन होता है तो पुलिस को वहाँ घुसने का हक है।" अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि भारत की आज भारत की अखंडता पर हमले हो रहे हैं और जेएनयू में जो कुछ हुआ उसे छिपाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। अरुण जेटली का कहना था, "जेएनयू में जो कुछ हुआ उस मामले में कुछ अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। इस मामले की जांच हो रही है और गृह मंत्री कह चुके हैं कि निष्पक्ष कार्रवाई होगी। इसलिए किसी का पक्ष लेने की बजाए इस बड़े अपराध को छिपाने की कोशिश न करे। ये बहुत गंभीर आरोप है।" कांग्रेस के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी ने आतंकवाद के हाथों दो प्रधानमंत्री खो दिए और उसे भाजपा से ज़्यादा सख़्ती से इस घटना की निंदा करनी चाहिए। पूरा मुद्दा 9 फ़रवरी को जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय की एक घटना से शुरु हुआ जब कुछ लोगों ने कथित तौर पर एक प्रोग्राम के दौरान भारत विरोधी नारे लगाए। संसद पर हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरु की बरसी पर आयोजित इस कार्यक्रम के बाद जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार और पांच अन्य पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। जहाँ कन्हैया अभी न्यायिक हिरासत में है वहीं दो अन्य छात्र पुलिस हिरासत में हैं। वित्त मंत्री का कहना था, ''त्रासदी ये नहीं है कि 9 फरवरी को नारे लगाए गए बल्कि ये है कि कैसे एक मुख्यधारा की पार्टी ये कह रही है कि ये गिरफ़्तारी गलत है। आप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से एक ऐसे आंदोलन को समर्थन दे रहे थे जिसका चार्टर ही देश के टुकड़े करना है।'' इससे पहले कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा राष्ट्रवाद के मुद्दे पर दो तीन दिन बहस हो ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। उनका कहना था, ''जो नारे ए, बी, सी ने हिंदुस्तान के टुकड़े करने के लगाए हैं उनको पकड़िए, कार्रवाई कीजिए, लेकिन अहमद की टोपी मेहमूद के सिर पर मत रखिए।'' गुलाम नबी आज़ाद का कहना था कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष 'राहुल गांधी को राष्ट्रवाद सिखाने की जरुरत नहीं है, उनके तो खून में राष्ट्रवाद है।' उन्होंने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में आत्महत्या करने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला की यूनिवर्सिटी के कुलपति को लिखा पत्र के अंश भी सदन में पढ़कर सुनाए और कहा कि यदि पत्र स्पष्ट तौर पर बताता है कि किन परिस्थितियों और किन लोगों की वजह से रोहित परेशान थे। उधर जेडी(यू) के केसी त्यागी ने जेएनयू में लड़कियों को हॉस्टल में पुलिस का जाने को गलत बताया।
  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।

Item Reviewed: जेटली ने पूछा, देशद्रोह 'फ़्री स्पीच' कैसे? Rating: 5 Reviewed By: newsforall.in