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रक्षा क्षेत्र में पहली 'मेक इन इंडिया' पार्टनरशिप है कामोव-226 हेलीकॉप्टनर : मास्को में पीएम मोदी

मास्को। भारत और रूस ने अपने सामरिक संबंधों को और गति प्रदान करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिसमें 226 सैन्य हेलीकॉप्टर के संयुक्त निर्माण और 12 परमाणु संयंत्र स्थापित करना शामिल है, जिसमें भारत की स्थानीय कंपनियों की सहभागिता होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के बीच सघन वार्ता के दौरान ‘आतंकी समूहों और इसके निशाने वाले देशों के बीच बिना किसी भेदभाव और अंतर किये’ एकजुट होकर पूरी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की जरूरत को रेखांकित किया गया। इसे एक तरह से इस बुराई के स्रोत माने जाने वाले पाकिस्तान जैसे देशों के संबंध में देखा जा रहा है। दोनों नेताओं के बीच वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में आतंकवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए दोनों पक्षों ने इस वैश्विक बुराई के खिलाफ संयुक्त लड़ाई पर जोर दिया। और इस संबंध में चुनिंदा और दोहरा मापदंड नहीं अपनाने की बात कही गई। पुतिन ने बताया कि रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रयासों का पुरजोर समर्थन करता है। पुतिन ने कहा कि वह (भारत) इसका पात्र और मजबूत उम्मीदवार है जो इस विश्व निकाय में स्वतंत्र और जिम्मेदार पहल को आगे बढ़ा सकता है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के दौरान व्यापक मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें आतंकवाद, रक्षा, सुरक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के साथ कारोबार एवं निवेश बढ़ाने के विषय शामिल हैं। चर्चा के दौरान लोगों की आवाजाही को आसान बनाने पर भी जोर दिया गया। बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किये। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुए 16 समझौतों में एक भारत में कामोव-226 हेलीकॉप्टर के निर्माण का समझौता शामिल है। यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत प्रमुख रक्षा सहयोग परियोजना है। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के बारे में मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ रहा है और भारत में दो स्थानों पर 12 रूसी रिएक्टर स्थापित करने की दिशा में भी प्रगति हो रही है। पुतिन ने कहा कि तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की दूसरी इकाई कुछ सप्ताह में सेवा में शामिल हो जायेगी जिसका निर्माण रूस ने किया है और इसकी तीसरी और चौथी इकाई के लिए वार्ता अग्रिम चरण में है।’ परमाणु क्षेत्र में दोनों पक्षों ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारतीय कंपनियों की सहभागिता के साथ रूसी डिजाइन वाले परमाणु रिएक्टर इकाइयों का भारत में स्थानीय तौर पर निर्माण किये जाने के बारे में एक महत्वपूर्ण समझौता किया। दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग रूस-भारत सामरिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम है। दोनों नेताओं ने कुडनकुलम परमाणु संयत्र परियोजना की दिशा में प्रगति की सराहना की और चालू एवं आने वाली परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी से काम करने पर सहमति व्यक्त की। ‘साझा विश्वास के नये आयाम’ शीषर्क के संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘दोनों पक्षों ने रूस के सहयोग से स्थापित किये जाने वाले अतिरिक्त छह परमाणु रिएक्टर इकाइयों के लिए भारत में दूसरे स्थल की पहचान करने में हुई प्रगति का स्वागत किया।’ संयुक्त प्रेस बयान में कहा गया है, ‘परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हमारे सहयोग की गति बढ़ रही है। हमने दो स्थानों पर 12 रूसी परमाणु रिएक्टरों की योजना पर प्रगति दर्ज की है।’ मोदी ने कहा, ‘आज हुए समझौते से इन रिएक्टरों के संबंध में भारतीय विनिर्माण हिस्सेदारी बढ़ेगी। यह मेक इन इंडिया के मेरे मिशन का समर्थन करता है। मैं इस सहयोग के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद करता हूं।’ रक्षा सहयोग के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कामोव-226 हेलीकॉप्टर के निर्माण के लिए अंतर सरकारी समझौता मेक इन इंडिया मिशन के तहत प्रमुख रक्षा कार्यक्रम है। ‘यह सही अर्थों में हमारा सबसे महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी है।’
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