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‘मौत को दावत’ देने जैसा है भाजपा सरकार में हुए घोटालों को उजागर करना

मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से संबद्ध पहले ही हो चुकी है 42 लोगों की मौत, मामले की छानबीन करने वाले एक पत्रकार का भी शव मिला, सरकार ने दिलाया जांच का भरोसा 
भोपाल/इंदौर/झबुआ। व्यापम घोटाले पर स्पेशल स्टोरी कर रहे 'आज तक' के पत्रकार अक्षय सिंह की 4 जुलाई को झाबुआ के मेघनगर में संदिग्ध हालात में मौत हो गई है । अक्षय व्यापम घोटाले की मृतक नम्रता डामोर के घर मेघनगर गए थे। नम्रता का नाम व्यापम घोटाले में आया था। इसके बाद उनका शव उज्जैन जिले में रेलवे ट्रैक के पास मिला था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनकी सरकार इस घटना की जांच करेगी। उधर, विपक्ष का आरोप है भाजपा सरकार में होने वाले घोटालों को जो उजागर करेगा, समझो वह अपनी मौत को दावत दे रहा है।
इस घटना पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा है कि पत्रकार के शव का पोस्टमॉर्टम होने और उसकी रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार मामले की आगे जांच करेगी। गौर ने कहा, 'पहले पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने दीजिए, उसके बाद हम मामले की आगे की जांच तय करेंगे।' मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले के 25 आरोपियों एवं गवाहों की कथित तौर पर हुई अस्वाभाविक मौत के बाद इसकी सीबीआई जांच कराने की ताजा मांग को खारिज करते हुए प्रदेश के गृहमंत्री ने इन मौतों को सामान्य बताते हुए इस घोटाले की सीबीआई जांच से इनकार किया है।
व्यापम घोटाले के आरोपियों की बड़ी संख्या में कथित तौर पर हुई अस्वाभाविक मौतों के सवाल पर गौर ने कहा कि आरोपी बीमार हुए और उनकी मृत्यु हो गई। इस प्रकार यह सभी मौतें सामान्य हैं। सरकार का कहना है कि व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग को उच्चतम न्यायालय भी खारिज कर चुका है। फिलहाल इसकी जांच मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की सख्त निगरानी में हो रही है। व्यापम घोटाले में फंसे दो आरोपियों की कल इंदौर और ग्वालियर में हुई मौत के बाद इस मामले में आरोपियों की संदिग्ध हालातों में हुई मौतों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। ग्वालियर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विरेन्द्र जैन ने बताया कि इस मामले में जमानत पर चल रहे डॉ राजेन्द्र आर्य की ग्वालियर के बिरला अस्पताल में मौत हो गई जबकि एक अन्य आरोपी नरेंद्र सिंह तोमर की इंदौर की एक जेल में कथित तौर पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
व्यापम फर्जीवाड़े की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय को तीन दिन पहले इस घोटाले में शामिल रहे 23 ऐसे आरोपियों की सूची सौंपी जिनकी अस्वाभाविक मौत हुई है। कुछ खबरों में इस घोटाले के 42 आरोपियों की मौत अस्वाभाविक रूप से होने का दावा किया गया है। प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, व्यापम के उच्च अधिकारी एवं बिचौलियों सहित असल विद्यार्थियों के स्थान पर फर्जी परीक्षा देने वाले कई लोग इस घोटाले के आरोपी हैं और जेल में बंद हैं। उधर, खबरों के अनुसार इंटरव्यू करने के बाद अक्षय की तबीयत अचानक खराब हो गई और बाद में उनकी मौत हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार पर इशारों ही इशारों में निशाना साधा है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अक्षय का पोस्टमॉर्टम गुजरात में दाहोद में हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह कैमरे के सामने वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में होना चाहिए। नम्रता के पिता महताब सिंह ने कहा कि अक्षय और दो अन्य लोग दोपहर में उनके घर आए थे।
इंटरव्यू खत्म होने के बाद उन्होंने किसी को कुछ कागज फोटोकॉपी करवाने भेजा था। अक्षय, डोमार के घर के बाहर इंतजार कर रहे थे, तभी उनके मुंह से झाग निकलने लगा। उन्हें पहले सिविल और फिर एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन यहां भी डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद उन्हें नजदीकी दाहोद (गुजरात) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।झबुआ के एसपी आबिद खान ने इस बात की पुष्टि की है कि अक्षय सिंह नाम के व्यक्ति की मौत मेघनगर में हुई है। व्यापम घोटाले से जुड़ी अब तक 25 मौतें हो चुकी हैं। इस बड़े ऐडमिशन और भर्ती घोटाले में कई अधिकारियों और राजनेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग कर रही है।
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